Minority scholarship scam 2020, latehar news : लातेहार : लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में प्री- मैट्रिक अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला (Pre matric minority scholarship scam) की जांच रिपोर्ट आने पर डीसी अबु इमरान ने कल्याण विभाग के कल्याण पर्यवेक्षक (Welfare supervisor) पूर्ण शंकर भगत के सभी अधिकारों को जब्त करने का निर्देश दिया है. उन्होने जांच में दोषी पाये जाने पर श्री भगत को निलंबित एवं अन्य विभागीय कार्रवाई करने का भी निर्देश जिला कल्याण पदाधिकारी विष्णु प्रसाद पंडित को दिया है.
इस संबंध में डीसी ने बताया कि जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया कल्याण पर्यवेक्षक पूर्ण शंकर भगत दोषी पाये गये हैं. जिन पर कार्रवाई की गयी है. उन्होंने कहा कि प्री मैट्रिक अल्पसंख्यक घोटाला की जांच की जा रही. जांच में जो भी दोषी पाये जायेंगे, उन पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
मालूम हो कि छात्रवृत्ति घोटाला का समाचार प्रकाशित होने के बाद डीसी ने 3 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया था. इस टीम में जिला कल्याण पदाधिकारी के अलावा अनुमंडल पदाधिकारी महुआडांड़ नीत निखिल सुरीन एवं अग्रणी बैंक प्रबंधक शांति प्रकाश टोप्पो को शामिल किया था.
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कल्याण विभाग द्वारा एनपीएस योजना के तहत अल्पसंख्यक एवं आदिवासी छात्रों को दी जानेवाली प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में घोटाला प्रकाश में आया है. महुआडांड प्रखंड में शैक्षणिक सत्र 2019- 20 में 1090 विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ दिया गया है. इनमें रेसिडेंसिल पब्लिक स्कूल (आरपीएस), अल जमेतुल इस्लामिया तथा बीएमसी मकतब ऐसे विद्यालय हैं, जहां नामांकित छात्र संख्या के अनुपात में छात्रवृत्ति पाने वाले छात्रों की संख्या अधिक है.
बीएमसी मकतब में मात्र 39 बच्चे नामांकित हैं, लेकिन इस विद्यालय के 256 बच्चों का नाम जोड़ कर फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति दी गयी. इसके अलावा 2 अन्य निजी स्कूलों में नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिये अल्पसंख्यक छात्रों को मिलनेवाली छात्रवृत्ति में भी फर्जीवाड़ा किया गया है.
इन विद्यालयों में रेसिडेंसिल पब्लिक स्कूल (आरपीएस) एवं अल जमेतुल इस्लामिया है. अल जमेतुल इस्लामिया के 293 एवं आरपीएस के 259 कथित विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ फर्जी तरीके से दिया गया है. कुल 808 फर्जी छात्रों के नाम पर 86 लाख 45 हजार रुपये का घोटाला किया गया है.
Posted By : Samir Ranjan.