Jharkhand News, लातेहार न्यूज, आशीष टैगोर : लातेहार जिले के गारू प्रखंड में हुए मनरेगा घोटाला के आरोपी सात मुखिया को झारखंड हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गयी है. इससे पहले मुखिया ने लातेहार के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था. इसके बाद प्रार्थी के अधिवक्ता सुनील कुमार द्वारा झारखंड उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की गयी थी. जस्टिस एके चौधरी की अदालत ने सुनवाई के बाद जमानत याचिका स्वीकार कर ली. अधिवक्ता श्री कुमार ने बताया कि आरोपियों को निचली अदालत में आत्मसमर्पण कर बंध पत्र दाखिल करने का निर्देश अदालत ने दिया है.
लातेहार जिले के गारू प्रखंड में मनरेगा घोटाला प्रकाश में आने के बाद गारू बीडीओ ने थाना कांड संख्या 49/20 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में बीडीओ ने जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, लातेहार के पत्रांक-728/मनरेगा कोषांग दिनांक 09 दिसंबर 2020 का हवाला देते हुए कहा था कि प्रखंड की सभी पंचायतों में मनरेगा अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत वेंडरों के खातों में मेठों एवं मिस्त्रियों का कुल 48 लाख 24 हजार 499 रुपये जमा कराया गया है. मामला प्रकाश में आने के बाद उपायुक्त अबु इमरान ने एक जांच कमेटी गठित कर मामले की जांच करायी थी. जांच में आरोप सत्य पाया गया. इसके बाद उपायुक्त के निर्देश पर गारू थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.
प्राथमिकी में पंचायत सेवक तबारक हुसैन, श्याम बिहारी सिंह, तालकेश्वर साहू, सत्येंद्र प्रसाद सिंह, मुकुंद उरांव, संत प्रसाद गुप्ता, महेश मुंडा, फेंकू राम, शिवनंदन मुंडा, घनश्याम सिंह, बालेश्वर उरांव, जनसेवक लव कुमार पासवान, राजेश कुमार, मार्शल बिरजिया, रोजगार सेवक विक्रम कुमार रवि, सत्येंद्र पासवान, हीरालाल सिंह, नंदकिशोर रंजन, कालेश्वर साव, सुमन कुमारी, धनदेव सिंह, कंप्यूटर ऑपरेटर प्रवीण शुक्ला, आशा बेक, मुखिया शिव शंकर सिंह, सुधराम उरांव, सुनीता देवी, बैजंती देवी, तारामुनी देवी, मंजू देवी, शीला देवी, भुनेश्वर सिंह, वेंडर मंजर कासमी आलम, कृष्ण मोहन शुक्ला, विजय उरांव एवं विवेकानंद गुप्ता को घोटाले का आरोपी बनाया गया था.
Posted By : Guru Swarup Mishra