Jharkhand News (चंद्रप्रकाश सिंह, लातेहार) : अखिल भारतीय टाना भगत कमेटी के नेतृत्व में जिले के टाना भगतों ने रांची में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन सौंप कर टाना भगतों के छोटानागपुर में मालिकाना अधिकार दिलाने की मांग की. साथ ही सरकार के पास टाना भगतों का बकाया 37 खरब 24 अरब रुपये भी दिलाने की मांग की है.
राज्यपाल को दिये आवेदन में कहा गया है कि टाना भगतों को छोटानागपुर का स्वामित्व सौंपा गया था. राज्य के उरांव, खड़िया, मुंडा आदिवासी टाना भगत महासभा का सभापति 1895 के अनुसार टाना भगतों ने टाना एक्ट 1914 में महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया था. सन 1920 से 22 तक कई टाना भगत जेल में रहे.
1941 से 42 के क्रांति आंदोलन में छोटानागपुर टेनेन्सी एक्ट एकोचमेंट डिस्ट्रिक्ट रांची एक्ट का संशोधन 1946 ई के अनुसार 15 अगस्त 1947 ई को छोटानागपुर पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो गया. कहा गया है कि 1914 ईस्वी के अनुसार देश की आजादी के बाद छोटानागपुर झारखंड टाना युग प्रांत के रूप में दे दिया गया.
छोटानागपुर (झारखंड) निर्माण के बाद सरकार को भी आमदनी का हिसाब टाना भगतों को देना होगा. झारखंड निर्माण के बाद अब तक साढ़े 22 अरब सरकार का होता है. साढ़े 67 अरब टाना भगतों का होता है. आवेदन में कहा गया है कि राज्य के जमीनदारों के पास 64 अरब, बिहार सरकार के पास 23 खरब दस अरब तथा झारखंड सरकार के पास 13 खरब 50 अरब. इस तरह से कुल 37 खरब 24 अरब रुपये वर्तमान में टाना भगतों को दिलवाने का अनुरोध राज्यपाल से किया गया है.
टाना भगतों ने कहा कि देश की आजादी के बाद जमींदारी प्रथा प्रशासन समाप्त हो गया था. ज्ञापन सौपनें वालों में कमेटी के अध्यक्ष परमेश्वर टाना भगत, बहादुर टाना भगत, इंद्रदेव टाना भगत, दिनेश टाना भगत, नागेश्वर टाना भगत, मंगलदेव टाना भगत व दिगबंर टाना भगत शामिल थे.
Posted By : Samir Ranjan.