बॉवल कैंसर का जोखिम घटा सकती है प्रतिदिन वायग्रा की मामूली खुराक
वाशिंगटन: एक शोध में पता चला है कि यौन समस्याओं में काम आने वाली दवा वायग्रा की प्रतिदिन मामूली खुराक लेने से कोलोरेक्टल कैंसर( पाचन तंत्र के निचले भाग पर स्थित कोलन या रेक्टम का कैंसर) का जोखिम कम हो सकता है. अमेरिका में ऑगस्ट यूनिवर्सिटी में शोधकर्ता डारेन डी ब्राउनिंग ने बताया कि आंत […]
वाशिंगटन: एक शोध में पता चला है कि यौन समस्याओं में काम आने वाली दवा वायग्रा की प्रतिदिन मामूली खुराक लेने से कोलोरेक्टल कैंसर( पाचन तंत्र के निचले भाग पर स्थित कोलन या रेक्टम का कैंसर) का जोखिम कम हो सकता है. अमेरिका में ऑगस्ट यूनिवर्सिटी में शोधकर्ता डारेन डी ब्राउनिंग ने बताया कि आंत की परत पर कोशिकाओं के गुच्छे( पॉलिप्स) बन जाते हैं. वायग्रा उनके निर्माण को घटाकर आधे से भी कम कर देती है. ये गुच्छे कैंसर का रूप ले सकते हैं.
जर्नल कैंसर प्रीवेंशन रिसर्च में प्रकाशित शोध के मुताबिक, अब अगला कदम उन लोगों में क्लिनिकल ट्रायल करना होगा जिन्हें कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम सबसे ज्यादा है. ब्राउनिंग ने बताया कि वायग्रा का इस्तेमाल वर्षों से कई खुराकों में और कई आयुवर्ग के लोगों में किया जाता रहा है. फेफड़ों संबंधी हायपरटेंशन से ग्रसित समयपूर्व जन्म लेने वाले नवजातों से लेकर यौन संबंधी समस्या से ग्रसित अधिक आयु के लोगों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. उनकी टीम ने पाया कि पानी में डालकर वायग्रा देने से चूहे में पॉलिप्स घट गए. ब्राउनिंग ने कहा, ‘‘ वायग्रा का मामूली डोज देने से इनमें ट्यूमर की संख्या घटी.’