डेनमॉर्क ने शिक्षक ने आठवीं व नौवीं के बच्चों को फिल्मों के माध्यम से सेक्स शिक्षा देने की सलाह दी
डेनमार्क के एक सेक्स शिक्षा विशेषज्ञ ने स्कूली कक्षाओं में सेक्स शिक्षा को बढावा देने के लिए इस तरह की फिल्में दिखाने की सलाह दे डाली है. द गार्डियन अखबार में छपी खबर के अनुसार, अलबोर्ग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिस्टियन ग्रॉगार्ड की दलील है कि इस तरह के प्रयास से बच्चों को एक जिम्मेवार उपभोक्ता […]
डेनमार्क के एक सेक्स शिक्षा विशेषज्ञ ने स्कूली कक्षाओं में सेक्स शिक्षा को बढावा देने के लिए इस तरह की फिल्में दिखाने की सलाह दे डाली है. द गार्डियन अखबार में छपी खबर के अनुसार, अलबोर्ग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिस्टियन ग्रॉगार्ड की दलील है कि इस तरह के प्रयास से बच्चों को एक जिम्मेवार उपभोक्ता व नागरिक बनाने में मदद मिलेगी. उल्लेखनीय है कि भारत सहित पूरी दुनिया में स्कूली बच्चों को सेक्स शिक्षा देने पर बहस चल रही है.
उनके अनुसार, इससे वे इस विषय वास्तविक जीवन के यौन संबंध व अश्लीलता के अंतर को समझ सकेंगे. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा है कि अच्छी तरह प्रशिक्षित शिक्षकों की मदद से आठवीं और नौंवी के बच्चों के बीच इस मुद्दे पर संवेदनात्मक व शिक्षाप्रद तरीके से गंभीर बहस होनी चाहिए.
ध्यान रहे कि डेनमार्क में यौन शिक्षा वहां के स्कूली पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा है और कुछ स्कूलों के पाठ्यक्रम में इसके ज्यादा विस्तृत स्वरूप को स्वीकार किया गया है. इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि किशोर किसी अन्य माध्यम से कम उम्र में इन चीजों से परिचीत हो चुके होते हैं. ऐसे में बेहतर रास्ता चुनना ही उचित है.