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Gen-Z: गिल्ट की वजह से 47 प्रतिशत कर्मचारी लंच को कर रहे हैं स्किप, रिपोर्ट में हुए चौंकाने वाले खुलासे

Gen-Z: ईजकेटर के एक हालिया रिसर्च ने जेन जेड श्रमिकों के बीच एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति को उजागर किया है, जिससे पता चलता है कि कई लोग अपराध बोध के कारण दोपहर लंच ब्रेक को छोड़ रहे हैं.

Gen-Z: ईजकेटर के एक हालिया रिसर्च ने जेन-जेड कर्मचारियों के बीच एक परेशान करने वाली ट्रेंड को उजागर किया है, जिससे पता चलता है कि कई लोग अपराध बोध या फिर गिल्ट की वजह से दोपहर के भोजन के लिए मिलने वाले ब्रेक को छोड़ रहे हैं. 2024 लंच रिपोर्ट के अनुसार, जेन जेड उत्तरदाताओं में से लगभग आधे या लगभग 47 प्रतिशत प्रत्येक सप्ताह दो या अधिक बार दोपहर का भोजन नहीं करते हैं. इस फैक्ट के बावजूद कि इनमें से 50 प्रतिशत यंग प्रोफेशनल दोपहर के भोजन को कार्यदिवस का सबसे अच्छा हिस्सा के रूप में देखते हैं, बेबी बूमर्स की तुलना में उन्हें अपने कार्यों से दूर जाने पर गिल्ट एक्सपीरियंस होने की संभावना चार गुना ज्यादा है.

ऐसा प्रतीत होता है कि यह घटना लगातार प्रोडक्टिविटी के कल्चर से उत्पन्न हुई है जो कि COVID-19 महामारी के दौरान उभरी है. फ्रेशली के 2020 के एक रिसर्च से संकेत मिलता है कि 60 प्रतिशत दूरदराज के कर्मचारी ब्रेक लेने के बारे में गिल्ट महसूस करते हैं, उन्हें डर है कि इससे उनके प्रोडक्टिविटी पर निगेटिव असर पड़ेगा. दुर्भाग्य से, ये भावनाएं बनी हुई हैं, जैसा कि पैसिफिक फूड्स की ओर से वनपोल द्वारा फरवरी 2024 में किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है, जिसमें पाया गया कि संयुक्त राज्य भर में 9 से 5 तक के कई कर्मचारी आवश्यक अवकाश छोड़ना जारी रखते हैं.

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ब्रेक के महत्व को स्वीकार करने के बावजूद भी 87 प्रतिशत कर्मचारियों ने बताया कि वे पर्सनल वेलनेस के लिए महत्वपूर्ण हैं. केवल 38 प्रतिशत कर्मचारी वास्तव में दोपहर के भोजन के दौरान अपने डेस्क से अलग हो गए. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह विरोधाभास एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उजागर करता है क्योंकि 98 प्रतिशत पार्टिसिपेंट्स ने माना कि ब्रेक लेने से नौकरी के परफॉरमेंस और ओवरऑल खुशी में सुधार हो सकता है.

अध्ययन में ब्रेक लेने की अनिच्छा के पीछे के कारणों की पहचान करने के लिए 5,000 फुल-टाइम कर्मचारियों का सर्वेक्षण किया गया. इसमें पाया गया कि 23 प्रतिशत रेस्पोंडेंट्स को डर था कि अपने डेस्क से समय निकालने से काम पूरा करने की उनकी क्षमता में बाधा आएगी, जबकि 19 प्रतिशत ने लंच ब्रेक लेने में बाधा के रूप में अत्यधिक बैठकों का हवाला दिया.

विशेषज्ञ स्वस्थ कार्य आदतों को बढ़ावा देने के लिए संगठनों के भीतर कल्चर बदलाव की वकालत करते हैं. ईजकेटर के मुख्य राजस्व अधिकारी कौशिक सुब्रमण्यन ने इस बात पर जोर दिया कि लंच ब्रेक टीम की यूनिटी को बढ़ावा देने और कर्मचारियों की भलाई को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उन्होंने सुझाव दिया कि दोपहर का भोजन उपलब्ध कराने से कर्मचारियों को आवश्यक ब्रेक लेने के लिए मोटिवेट किया जा सकता है, यह देखते हुए कि अगर उनके नियोक्ता मुफ्त भोजन की पेशकश करते हैं तो 58 प्रतिशत हाइब्रिड कर्मचारी सप्ताह में तीन दिन काम करने के लिए अधिक इच्छुक होंगे. न्यूट्रिशनिस्ट मिया सिन ने इन निष्कर्षों की पुष्टि करते हुए कहा कि, नियमित ब्रेक से तनाव कम हो सकता है, प्रोडक्टिविटी में वृद्धि हो सकती है और फोकस में सुधार हो सकता है.

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