कोच्चि : एक नये अध्ययन में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव महसूस किये जाने लगे हैं और जहां तक भविष्य के बारे में अनुमान है इससे मानव स्वास्थ्य पर बहुत ज्यादा एवं संभावित रूप से विनाशकारी खतरा पैदा हो सकता है. 2015 लांसेट कमीशन ऑन हेल्थ एंड क्लाइमेट चेंज ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘जलवायु परिवर्तन से नौ अरब लोगों की वैश्विक आबादी के लिए पिछली आधी सदी में मिले विकास एवं वैश्विक स्वास्थ्य संबंधी लाभ नष्ट होने का खतरा है.’
रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन का स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव मौसम की अतिशय घटनाओं खासकर लू, बाढ, सूखे और आंधी की बढती आवृति और तीव्रता की वजह से पड रहा है. इसमें कहा गया, ‘संक्रामक रोगों के स्वरुपों में बदलाव, वायु प्रदूषण, खाद्य असुरक्षा एवं कुपोषण, अनैच्छिक विस्थापन और संघर्षों से अप्रत्यक्ष प्रभाव भी पैदा हो रहे हैं.’ 2015 लांसेट कमीशन ऑन हेल्थ एंड क्लाइमेट चेंज का गठन जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और जरुरी नीतिगत प्रतिक्रिया की योजना बनाने के लिए किया गया ताकि दुनिया भर की आबादी के लिए स्वास्थ्य के उच्चतम प्राप्य मानक सुनिश्चित किए जा सकें.