कौन हैं इंडिया की 5 सबसे खुबसूरत महिला खिलाड़ी ?

अब तक आपने पसीने से भीगी, भागती, खेलती महिला खिलाड़ियों को देखा होगा. लेकिन क्या आपने कभी अपनी पसंदीदा महिला खिलाड़ी को खेल से इतर भी देखा है? देश की महिला खिलाड़ियों को आपने सिर्फ खेलते हुए ही देखा होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश की कौन सी महिला खिलाड़ी सिर्फ अच्छे खेल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2015 11:05 PM

अब तक आपने पसीने से भीगी, भागती, खेलती महिला खिलाड़ियों को देखा होगा. लेकिन क्या आपने कभी अपनी पसंदीदा महिला खिलाड़ी को खेल से इतर भी देखा है?

देश की महिला खिलाड़ियों को आपने सिर्फ खेलते हुए ही देखा होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश की कौन सी महिला खिलाड़ी सिर्फ अच्छे खेल के अलावा भी बेहद खुबसूरत भी लग सकती हैं? आइए जाने…

सानिया नेहवाल

देश की चर्चित इंडियन बैडमिन्टन खिलाड़ी जिन्होंने अपने करियर के साल 2010 में दूसरी रेंक बैडमिन्टन वर्ल्ड फेडरेशन से हासिल की. यह पहली महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक में मैडल लिया.

सानिया मिर्ज़ा

अपने कॅरियर की शुरुआत उन्होंने 1999 में विश्व जूनियर टेनिस चैम्पियनशिप में हिस्सा लेकर किया. इसके बाद उन्होंने कई अंतररार्ष्ट्रीय मैचों में हिस्सा लिया और सफलता भी पाई. 2003 उनके जीवन का सबसे रोचक मोड़ बना जब भारत की तरफ से वाइल्ड कार्ड एंट्री करने के बाद सानिया मिर्ज़ा ने विम्बलडन में डबल्स के दौरान जीत हासिल की. वर्ष 2004 में बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें 2005 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2005 के अंत में उनकी अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग 42 हो चुकी थी जो किसी भी भारतीय टेनिस खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा थी. 2009 में वह भारत की तरफ से ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं.

ज्वाला गुट्टा

साल 2000 में ज्वाला गुट्टा ने 17 साल की उम्र में जूनियर नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप जीती. इसी साल उन्होंने श्रुति कुरियन के साथ डबल्स में जोड़ी बनाते हुए महिलाओं के डबल्स जूनियर नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप और सीनियर नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में जीत हासिल की. 2002 से 2008 तक लगातार सात बार ज्वाला गुट्टा ने महिलाओं के नेशनल युगल प्रतियोगिता में जीत हासिल की.

महिला डबल्स के साथ-साथ ज्वाला गुट्टा ने मिश्रित डबल्स में भी सफलता हासिल की और भारत की डबल्स में सबसे बेहतरीन खिलाड़ी बनीं. 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में भी ज्वाला गुट्टा ने अपने पार्टनर अश्विनी पोनप्पा के साथ भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता. कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद से एक बार फिर ज्वाला गुट्टा भारतीय बैडमिंटन में चर्चा का विषय बन गई हैं.

दीपिका पल्लीकल

दीपिका पल्लीकल स्क्वैश खिलाड़ी हैं. अंडर 19 की कैटेगरी में उन्हें नंबर वन महिला स्क्वैश खिलाड़ी का दर्जा दिया गया था. अभी वे विश्व रैंकिंग में 10वें स्थान पर हैं, जो उनकी अब तक की सर्वश्रेष्ठ रैं‍किंग है. वे डब्ल्यू॰ एस॰ ए॰ रैंकिंग के अंतर्गत शीर्ष 10 में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला है. वे 2012 (स्क्वैश) चैंपियंस के टूर्नामेंट में उप विजेता रही थी. साथ ही ऑस्ट्रेलियन ओपन स्क्वैश-2012 महिला ऑस्ट्रेलियन ओपन स्क्वैश-2012 के सेमी फाइनल तक पहुँचने में सफल रही. उन्होने फरवरी 2013 में मिडोवूड फार्मेसी ओपन जीतकर छठा डब्ल्यू॰ एस॰ ए॰ खिताब जीता. अक्टूबर 2013 में उन्होने विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया की राचेल ग्रिनहैम को हराकर मकाउ में मकाउ ओपन का खिताब जीता है. दीपिका के करियर का यह सातवां महिला स्क्वाश संघ (डब्ल्यूएसए) खिताब है.

अश्वनी पोंनाप्पा

अश्वनी पोंनाप्पा बैडमिन्टन खिलाड़ी हैं. 2012 ओलम्पिक में बैडमिन्टन खेल कर अपनी खास इंटरनेशनल लेवल पर ख्याति पाई और अपनी मुख्य जगह बनायीं. 2010 में ज्वाला गुट्टा के साथ जोड़ी बना कर कॉमनवेल्थ गेम्स में खेल खेला और स्वर्ण पदक जीता.

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