खुश रहना है तो खुद के लिए निकालें ज्यादा समय: रिसर्च

यदि आप सोचते हैं कि पैसा कमा कर ही आप खुश रह सकतें हैं तो जरा इस लेख को पढ़ लें. पैसे से मिली ख़ुशी कुछ समय की होती है लेकिन यदि आप सच में खुश रहना चाहते हैं तो अपने लिए समय निकालना सीखें. जी हाँ, यह बार एक नए शोध से सामने आई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2016 8:42 AM

यदि आप सोचते हैं कि पैसा कमा कर ही आप खुश रह सकतें हैं तो जरा इस लेख को पढ़ लें.

पैसे से मिली ख़ुशी कुछ समय की होती है लेकिन यदि आप सच में खुश रहना चाहते हैं तो अपने लिए समय निकालना सीखें. जी हाँ, यह बार एक नए शोध से सामने आई है कि धन कमाने की बजाए अगर आप अपने समय की अहमियत को समझते हैं तो इससे आपको अधिक प्रसन्नता मिलती है.

कनाडा स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया में हुए इस शोध का नेतृत्व करने वाले एशले व्हीलान्स ने कहा, ‘यह बात सामने आई है कि लोगों में अधिक धन कमाने के बजाए अपने समय के महत्व के प्रति स्थाई प्राथमिकता होती है और समय को प्राथमिकता देना बड़ी खुशी से जुड़ा हुआ है.

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि युवा लोगों की तुलना में उम्रदराज लोग यह कहते हुए अधिक पाए जाते हैं कि उन्हें अपने समय का मूल्य पता है.

व्हीलान्स ने कहा, ‘बढ़ती उम्र के साथ लोग केवल धन कमाने के बजाए अपने समय को अधिक सार्थक रूप से बिताना पसंद करते हैं.

यह परिणाम 4,600 से भी अधिक प्रतिभागियों के साथ किए गए छह से भी अधिक अध्ययन पर आधारित है। कई अध्ययनों में असल जीवन के उदाहरणों का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें प्रतिभागियों से कई तरह के सवाल पूछे गए.

इसमें प्रतिभागियों से एक सवाल में पूछा गया कि वह कम दूरी पर महंगे मकान लेना पसंद करेंगे या अधिक दूरी पर सस्ते मकान?

यह सवाल भी प्रतिभागी से पूछा गया कि वह कौन से स्नातक कार्यक्रम को चुनेंगे-जो उन्हें अधिक वेतन के साथ अधिक घंटों तक काम करने वाली नौकरी की तरफ ले जाए या जिसमें कम वेतन के साथ कम घंटों तक काम करना पड़े?

व्हीलान्स ने कहा, ‘खुशी पाने के लिए अधिक धन की तुलना में स्वयं के साथ बिताने के लिए खाली समय अधिक मिलना अधिक महत्वपूर्ण होता है.

अगर लोग अपने जीवन में धन कमाने के बजाए समय पर अधिक ध्यान देना चाहते हैं, तो उन्हें अपने नजरिए में थोड़ा बदलाव करना होगा। इसके तहत वह दान कार्य कर सकते हैं या कम घंटे काम करके घर की सफाई में अपना योगदान दे सकते हैं.

इस शोध के परिणामों को सोशल साइकोलॉजिकल एंड पर्सनालिटी साइंसजरनल में ऑनलाइन प्रकाशित किया गया.

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