वरना हम भी होते स्पाइडरमैन
स्पाइडरमैन की फिल्में देखते हुए बच्चे अक्सर स्पाइडरमैन बनने की कल्पना करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि मनुष्यों के पंजों में यदि छिपकली के जैसे चिपकने वाले पैड हों तो वह भी स्पाइडरमैन बन सकता है. जी हाँ, यह बात एक शोध द्वारा सामने आई है. आइये आपको बताते हैं… ऑक्सफोर्ड में किए […]
स्पाइडरमैन की फिल्में देखते हुए बच्चे अक्सर स्पाइडरमैन बनने की कल्पना करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि मनुष्यों के पंजों में यदि छिपकली के जैसे चिपकने वाले पैड हों तो वह भी स्पाइडरमैन बन सकता है. जी हाँ, यह बात एक शोध द्वारा सामने आई है. आइये आपको बताते हैं…
ऑक्सफोर्ड में किए गए एक अध्ययन ने इस बात की पुष्टि की है कि हम भी स्पाइडरमैन बन सकते थे यदि हमारे पैर छिपकली जैसे होते.
शोध के अनुसार, स्पाइडरमैन बनने के लिए मनुष्यों को भी ऐसे चिपकने वाले पैड की जरुरत है जो उसकी शारीरिक सतह के 40% को कवर कर सकें. इस अध्ययन से छिपकली के पैरों की इस विशेषता का कृत्रिम रूप से विकास हो सकता है.
अध्ययन में कहा गया है कि एकदम सीधी खड़ी दीवार पर दौड़ने में अकेला सक्षम जीव छिपकली ही है. बड़े जीव को इस खूबी से लैस होने के लिए चिपकने वाले विशाल पंजे की जरुरत होती है.
कीड़े और मकड़ी से लेकर मेढ़क और छिपकली की शारीरिक सतह का हिस्सा चिपकने वाले पंजों से कवर होता है. शरीर के बढ़ते आकार के हिसाब से चिपकने वाले पैरों में अंतर आता जाता है. एक सीमा तक के जीव ही इस खूबी का इस्तेमाल कर सकते हैं.
अध्ययन में सक्षम जीवों के चिपकने वाले पैड से शारीरिक सतह का कितना हिस्सा कवर होता है इसका हिसाब दिया गया है. ऐसे में मनुष्यों को कितने बड़े जूते की जरूरत होगी इसका अनुमान भी व्यक्त किया गया है.