पेट के कीड़े मारने की गोलियां खाने के बाद 200 से ज्यादा स्कूली छात्रों की हालत ख़राब होने का मामला सामने आये है. यह घटना बिहार, राजस्थान, हरियाणा और छत्तीसगढ़ के 200 स्कूली बच्चों की है.
हुआ ये कि उन्होंने ‘नेशनल डिवर्मिंग डे’ के मौके पर पेट के कीड़े मारने की गोलियां खिलाए जाने के बाद बेचैनी महसूस होने की शिकायत की. बिहार में ये गोलियां खाने के बाद एक स्कूल के 100 छात्रों ने बेचैनी महसूस होने की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें नालंदा जिला मुख्यालय बिहार शरीफ स्थित सदर अस्पताल ले जाया गया.
राजस्थान के झुंझनू जिले में एक स्कूल के 58 बच्चों ने इन गोलियों को खाने के बाद मिचली आने की शिकायत की, जिसके बाद उनका इलाज किया गया. झुंझनू के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन ढोलपुरिया ने बताया कि चिदवाड़ा में एक निजी स्कूल के बच्चों ने गोलियां खाने से मिचली आने की शिकायत की जिसके बाद उनका प्राथमिक उपचार किया गया और फिर घर भेज दिया गया.
हरियाणा के सोनीपत, पानीपत, कैथल और बरारा कस्बे में 40 स्कूली बच्चों ने पेट में दर्द और बेचैनी महसूस होने की शिकायत की. छत्तीसगढ़ में जांजगीर, चंपा जिले के दो प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे एलबेंडाजोल गोली खाने के बाद बीमार पड़ गए. जांजगीर चंपा कलेक्टर ओपी चौधरी ने बताया कि बच्चों को जयजयपुर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत सामान्य बताई गई है.
वहीं मध्य प्रदेश में कृमि नाशक गोलियां खाने से 50 से ज्यादा बच्चों की तबियत बिगड़ गई. अस्पताल में उपचार के बाद बच्चों को छुट्टी दे दी गई. रायसेन जिले के बरेली और सांची में बच्चों को दवा दिए जाने के बाद तबियत बिगड़ गई.
बरेली के अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) ओपी सोनी ने बताया कि बरेली के मारिया विद्या सदन में दवा खाते हुए 15 बच्चों की तबियत बिगड़ गई. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बच्चे खाली पेट थे. इन बच्चों को अस्पताल में मिले उपचार के बाद छुटटी दे दी गई. इसी तरह सांची में भी लगभग 25 बच्चों की तबियत बिगड़ने की खबर है.