कॉक्रोच जैसा रोबोट देखा है आपने?
कॉक्रोच का नाम सुनते ही आप मुंह बना लेते हैं और कुछ इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, घिनौना, बदसूरत, भद्दा. लेकिन हालिया एक खोज के कारण इन शब्दों में एक ‘प्रेरणादायक‘ शब्द भी जोड़ दिया गया है और वो है ‘रोबोट’. जी हाँ, कॉक्रोच की वजह से वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोट […]
कॉक्रोच का नाम सुनते ही आप मुंह बना लेते हैं और कुछ इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, घिनौना, बदसूरत, भद्दा. लेकिन हालिया एक खोज के कारण इन शब्दों में एक ‘प्रेरणादायक‘ शब्द भी जोड़ दिया गया है और वो है ‘रोबोट’. जी हाँ, कॉक्रोच की वजह से वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोट बनाया है जो प्राकृतिक आपदाओं या बम हमलों के बाद मलबे में दब गए लोगों की तलाश कर सकेगा. कैसे? आइये आपको बताते हैं…
वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने कॉक्रोच की छोटी-छोटी दरारों या छेदों के अंदर घुस जाने की क्षमता से प्रेरित होकर एक ऐसा छोटा सा सर्च एंड रेस्क्यू रोबोट बनाया है, जो प्राकृतिक आपदाओं या बम हमलों के बाद मलबे में दब गए लोगों की तलाश कर सकेगा.
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में बर्कले एकीकृत जीवविज्ञान की प्रोफेसर रॉबर्ट फुल कहते हैं, ”कॉक्रोच प्रकृति के सबसे घिनौने जीव हैं, लेकिन हमें लगता है कि ये भी हमें डिजाइनिंग के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को समझा सकते हैं.”
खासतौर पर बनाए गए बाधा पथ का इस्तेमाल करते हुए, शोधकर्ताओं ने इस बात पर नजर रखी कि कैसे कॉक्रोच एक सैकेंड से भी कम समय में, अपनी देह को सिकोड़ कर अपनी ऊंचाई से एक चौथाई पतली दरार में भी घुस जाते हैं. दरार के भीतर घुसकर भी कॉक्रोच, पैरों को अपनी ओर दबाते हुए लगभग हर सेकेंड में अपने शरीर की लंबाई के 20 गुना तक भागते हैं.
शोध में हिस्सा लेने वाले हार्वर्ड विश्वविद्यालय के जीवविज्ञानी कौशिक जयाराम कहते हैं, ”अगर आप इसे एक मनुष्य के आकार के अनुपात में मापेंगे तो, यह तकरीबन 70 मील (113 किलोमीटर) प्रतिघंटे के बराबर की रफ्तार है. मतलब सबसे तेज भागने वाले धावक की रफ्तार से दोगुना से भी ज्यादा.”
शोधकर्ताओं का कहना है कि कॉक्रोच सामान्यतया भागते हुए लगभग आधे इंच (13 मिमी) लंबे होते हैं. लेकिन वे दरारों में घुसते हुए अपने शरीर को एक इंच के 10वें हिस्से तक यानि 2.5 मिमी तक सिकोड़ लेते हैं.
विशेषज्ञ जटिल हालातों में भी कुछ तिकड़में कर सकने वाले रोबोटों को बनाने के लिए कई किस्म के जानवरों की हरकतों का अध्ययन करते रहे हैं. जैसे कि सरपेंटाइन रोबोट, रैटलस्नेक नाम के सांप से प्रेरित है.
प्रोफेसर रॉबर्ट फुल अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहते हैं, "प्रकृति के पास डिजाइनों के आईडिया का एक बड़ा भंडार है. यह विविधता भरा भंडार नई नई खोजों को संभव बनाता है. आपको कभी नहीं मालूम होता कि बुनियादी शोध कहां से शुरू हो जाता है. सबसे महत्वपूर्ण खोजें अक्सर सबसे अप्रत्याशित जीवों से ही शुरू हुई हैं और इनमें से कुछ जीव बहुत बेहुदे भी होते हैं.”
पैरिप्लेनेटा अमेरिकाना नाम की एक अमरीकी कॉक्रोच प्रजाति भी इस अवलोकन के दायरे में शामिल है. इस कॉक्रोच से वैज्ञानिक एक कई पैरों और लचीले शरीर वाले रोबोट के लिए प्रेरित हुए हैं. इसका नाम रखा गया है क्रैम यानि कंप्रैसिबल रोबोट विद आर्टिकुलेटेड मैकेनिज्म. भविष्य में इसका इस्तेमाल ढह गई इमारतों में से जीवित लोगों को ढूंढने में किया जाएगा.
सामान्य स्थिति में यह रोबोट सात इंच लंबा और तीन इंच ऊंचा है और इसका वजन 46 ग्राम है. यह अपने पैरों को संकरी जगहों में एक कॉक्रोच की तरह मोड़ सकता है.
यह शोध जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ दि नेश्नल एकेडमी ऑफ साइंस में प्रकाशित हुआ है.