फ्रीडम 251 बाजार में आते ही ठंडा पड़ गया. सभी की आलोचनाओं और भारी वेबसाइट हैंग होने के चलते इस फ़ोन का मार्किट डाउन हो गया है. इसे बनाने वाली कंपनी रिंगिंग बेल्स के प्रेसिडेंट अशोक चड्ढा ने इस हैंडसेट के पीछे छुपे बिजनेस मॉडल से भी पर्दा उठाया है.
चड्ढा ने हैंडसेट की 251 रुपए वाली कीमत के पीछे छुपे रहस्य से पर्दा भी उठाया है. चड्ढा ने कहा, ‘पहले मुझे एक बात साफ करने दीजिए कि इस फोन पर किसी तरह की सरकार की सब्सिडी नहीं है. फ्रीडम 251 को जो भी फायदा मिला है वह मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया योजना के अंतर्गत ही है.’
चड्ढा ने कहा कि फ्रीडम 251 ऐसा पहला प्रॉडक्ट है जिसे इन योजनाओं का फायदा मिल रहा है. स्पष्ट रूप से, यह भी एक वजह है जिसकी मदद से हैंडसेट की कीमत 251 हो सकी है.
फ्रीडम 251, निश्चित ही एक एडकॉम इकॉन 4 मोबाइल ही है. चड्ढा ने माना कि मोबाइल की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट ढाई हजार रुपए के आसपास है. लेकिन साथ ही उन्होंने बताया कि अपने यूनिक बिजनेस मॉडल की वजह से कंपनी इस फोन की 251 रुपए की कीमत पर बिक्री कर पाएगी.
जबकि, अर्थशास्त्र यह नहीं बताता कि आखिर कैसे 2 हजार की मैन्युफैक्चरिंग कीमत रखने वाले फोन को 251 रुपए में बेचा जा सकता है.
चड्ढा ने कहा कि शुल्क में छूट से 400 रुपए पहले ही घट जाते हैं. वैसे भी, भारत में असेंबल किए जाने वाले इन मोबाइल को 13.8 फीसदी के शुल्क में छूट मिल जाएगी.
कंपनी ने इस फोन को अपनी खुद को ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचने का फैसला किया है, इस वजह से डिस्ट्रिब्यूटर और मिडिलमैन की लागत कम हो जाती है. इस वजह से मोबाइल और सस्ता हो जाता है. प्रेसिडेंट चड्ढा ने बताया कि इस कदम से मोबाइल की कीमत 480 रुपए कम हो जाती है.
इसके बाद भी फोन की कीमत 1000 रुपए बैठती है. चड्ढा विश्वास दिलाते हैं कि कंपनी के पास अभी भी ट्रंप कार्ड हैं जिससे इसकी भरपाई हो जाएगी.
चड्ढा ने कहा कि ऐसे कई प्रॉडक्ट हैं जिनको सेल करने वाले कंपनी के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म http://www.freedom251.com/ का इस्तेमाल कर उसे बेचना चाहते हैं, इस कदम से हम बाकी के 700-800 रुपए की भरपाई कर लेंगे.