बिहार इंटरमीडियट परीक्षा के पहले दिन बुधवार को नकल करते पाए जाने के बाद कम से कम 426 छात्रों को निष्कासित किया गया. इनमें कई छात्राएं भी शामिल हैं.
बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड (बीएसईबी) में स्थापित किए गए कंट्रोल रूम ने कहा कि परीक्षा के पहले दिन राज्य भर में कुल 426 छात्रों को निष्कासित किया गया.
नियंत्रण कक्ष ने कहा कि सबसे ज्यादा मुंगेर जिले में 49 छात्रों को निष्कासित किया गया. इसके बाद औरंगाबाद में सबसे ज्यादा 48 छात्र निष्कासित किए गए.
बीएसईबी ने इस साल नकल मुक्त परीक्षा कराने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं ताकि पिछले साल वैशाली जिले के एक परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थियों को चिट पहुंचा रहे अभिभावकों और मित्रों की तस्वीरें वायरल होने के बाद प्रभावित हुई राज्य की छवि सुधारी जा सके.
नये शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कई मौकों पर बोर्ड परीक्षा में नकल पर रोक लगाने के लिए कड़े इंतजाम करने की बात की थी.
बिहार में 1,109 केंद्रों में इंटरमीडियट परीक्षा में कुल 11.57 लाख परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे हैं.
व्यापक इंतजामों के बावजूद कई जिलों में परीक्षा केंद्रों से नकल की खबरें आयी हैं.
खबरों की माने तो, नकल ना करने देने पर कुल लोगों ने छपरा के एक स्कूल में तोड़फोड़ की.
वैशाली जिले में नकल कराने के लिए एक स्कूल की इमारत पर कुछ लोगों को चढ़ते हुए भी देखा गया.