भूकंप से बचायेंगे ‘टायरों से बने घर’

रबड़ के टायर बेकार होने के बाद अक्सर जला दिए जाते हैं जो वायु प्रदूषण को बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण भी बनते हैं. लेकिनजल्द ही यह टायरघर बनाने के काम आयेंगे. जी हाँ, टायरों से बने घर सस्ते तो होंगे ही साथ ही यह भूकंप से बचायेंगे भी. कैसे? आइये आपको बताते हैं… भूकंप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2016 3:54 PM

रबड़ के टायर बेकार होने के बाद अक्सर जला दिए जाते हैं जो वायु प्रदूषण को बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण भी बनते हैं. लेकिनजल्द ही यह टायरघर बनाने के काम आयेंगे. जी हाँ, टायरों से बने घर सस्ते तो होंगे ही साथ ही यह भूकंप से बचायेंगे भी. कैसे? आइये आपको बताते हैं…

भूकंप से बचाने की यह अनोखी तकनीक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी आईआईटी ने खोज ली है. मेक इन इंडिया वीक में भी इस तकनीक का प्रदर्शन किया गया था.

नई तकनीक को खोजने करने वाले दल का नेतृत्व कर रहे भूकंप अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर पंकज अग्रवाल ने बताया कि टायरों से बने मकान उत्तराखंड जैसे रायों के लिए बेहद कारगार साबित होंगे.

भूकंप के मद्देनजर अतिसंवेदनशील क्षेत्र में शामिल पहाड़ी प्रदेश में इस तकनीक के प्रयोग से जानमाल का नुकसान सीमित किया जा सकेगा.

प्रो. अग्रवाल ने बताया कि रबड़ के टायरों का सबसे बड़ा गुण इसकी विस्को एलास्टिसिटी है. यह रबड़ झटकों को अवशोषित कर लेती है.

दल में शामिल शोध छात्र अमित गोयल ने बताया कि प्रयोग के तौर पर इस विधि से तैयार दो मंजिला भवन के मॉडल को भूकंप के कृत्रिम झटके दिए गए. नतीजे उत्साहवर्धक रहे. दूसरे प्रयोग में भवन के अंदर मेज और कुर्सी भी रखी गईं.

प्रयोग में पता चला कि मेज-कुर्सी जैसी थी, वैसी ही रहीं. उन्होंने बताया कि इस खास तकनीक से बने भवनों की कीमत सामान्य की अपेक्षा 15 से 20 फीसद कम आएगी.

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