Health Tips : शरीर में आयरन की कमी को दूर करने के लिए आजमाएं ये प्राकृतिक तरीका

एनीमिया एक गंभीर समस्या है. यदि आप एनीमिया से जूझ रहे हैं, तो अपने आयरन के स्तर को बढ़ाने के लिए इन पांच शानदार प्राकृतिक उपचारों को आजमा सकते हैं.

By Devendra Kumar | April 19, 2024 8:24 PM
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Health Tips : एनीमिया, स्वास्थ्य से जुड़ी एक गंभीर समस्या है. जब शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है, तो इसकी वजह से स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं से जूझना पड़ सकता है. एनीमिया के दौरान थकान, बालों का झड़ना, सांस लेने में तकलीफ और भूख नहीं लगना जैसे लक्षण दिखायी देते हैं. हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद एक महत्वपूर्ण प्रोटीन-युक्त आयरन है, जो महत्वपूर्ण अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है. जब हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है, तो शरीर की ऑक्सीजन देने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे कई प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलते हैं. यदि आप एनीमिया से जूझ रहे हैं, तो अपने आयरन के स्तर को बढ़ाने के लिए इन पांच शानदार प्राकृतिक उपचारों को आजमा सकते हैं.

चुकंदर

चुकंदर में आयरन, तांबा, फास्फोरस, मैग्नीशियम और विटामिन बी1, बी2, बी6, बी12 और सी समेत कई जरूरी पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं. ये पोषक तत्व शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाने और हीमोग्लोबिन के स्तर को ठीक करने में अहम भूमिका निभाते हैं. चुकंदर को अपनी डायट में जरूर शामिल करना चाहिए. इसके लिए बस एक कप कटे हुए चुकंदर को मिक्सर में डालकर क्रश करें. इसके बाद इसके रस को छान लें. अब इसमें विटामिन सी की मात्रा बढ़ाने के लिए एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं, जो आयरन के अवशोषण में सहायता करता है. पौष्टिक से भरे इस चुकंदर के रस को अपनी सुबह की दिनचर्या में शामिल करें. इससे आपको दिनभर ताजगी का अहसास होगा. साथ ही शरीर को आयरन भी भरपूर मात्रा में मिल जायेगा.

पालक

एनीमिया को दूर करने के लिए पालक का सेवन करना एक कारगर उपाय है. खासकर, जब यह रक्त में फोलिक एसिड की कमी के कारण होता है. हीमोग्लोबिन के अपर्याप्त उत्पादन से एनीमिया हो सकता है, लेकिन अपने आहार में पालक को शामिल करने से इस परेशानी को कम करने में मदद मिल सकती है. विटामिन बी12, फोलिक एसिड और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर पालक हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने और एनीमिया से निपटने के लिए एक प्राकृतिक तरीका है.पालक को अपने दैनिक भोजन का नियमित हिस्सा बनाकर आप इसका स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं.

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मोरिंगा की पत्तियां

मोरिंगा की पत्तियां पोषक तत्वों का पावरहाउस हैं, जिनमें भरपूर मात्रा में आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन ए और सी होते हैं. मोरिंगा की पत्तियों की एक खुराक से 28 मिलीग्राम अधिक आयरन मिलता है. पालक की तुलना में यह हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने और लाल रक्त कोशिका की गिनती बढ़ाने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है. मोरिंगा की पत्तियों को अपने आहार में शामिल करने के लिए 20-25 पत्तियों को बारीक काट लें और उन्हें एक चम्मच गुड़ पाउडर के साथ मिलाएं. इस मिश्रण को सुबह में नाश्ते के साथ लें. इससे शरीर में आयरन की कमी दूर हो सकती है. साथ ही आप संपूर्ण रूप सेहतमंद बने रहने में मदद मिल सकती है.

काले तिल

एनीमिया की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए काले तिल एक कारगर उपाय हैं. कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन से भरपूर काले तिल के बीज शरीर में आयरन के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं. साथ ही तिल के बीज का सेवन आयरन के अवशोषण में सहायता करता है, जिससे एनीमिया के प्राकृतिक उपचार के रूप में यह काफी मददगार साबित हो सकता है. स्वास्थ्य लाभ उठाने के लिए तिल के बीजों को रात भर आधा गिलास पानी में भिगो दें और सुबह में उनका सेवन करें.

तांबे के बर्तन से पानी पीना

पुराने समय से ही तांबे के बर्तन में पानी रखने और पानी पीने की परंपरा रही है. तांबे के बर्तन से पानी पीना, शरीर में आयरन के स्तर को बढ़ाने और शरीर में आवश्यक खनिजों की पूर्ति सहित कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है. तांबे के बर्तनों में रखा पानी ऑलिगोडायनामिक प्रभाव नामक एक प्राकृतिक प्रक्रिया से गुजरता है, जहां तांबे के आयन पानी में घुल जाते हैं, जिससे लाभकारी गुण मिलते हैं. इसके अलावा तांबे के बर्तन में पानी पीने से बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है और बालों का झड़ना कम होता है. इस पारंपरिक उपचार का स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए बस पानी को तांबे के कंटेनर में रखें और उसका नियमित सेवन करें.

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