Afternoon sleep: दोपहर में सोने की आदत, जिसे आम तौर पर ‘पावर नैप’ या ‘सिएस्टा’ कहा जाता है, राहत पाने का एक बेहतरीन तरीका है. जब हम सुबह काम करके थक जाते हैं, तो हमें थोड़ी देर सोने की ज़रूरत महसूस होती है. वैसे तो इस आदत के बारे में कई बातें कही जाती हैं, कुछ लोग कहते हैं कि दिन में सोने से कोई नुकसान नहीं है, लेकिन कई लोग यह भी कहते हैं कि ऐसा नहीं करना चाहिए. इस बारे में डॉक्टर क्या कहते हैं आइए जानें-
दोपहर में सोने के फायदे
- ऊर्जा का स्तर बढ़ता है
दोपहर में सोने से ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और सतर्कता में सुधार होता है. लगभग 20-30 मिनट की एक छोटी सी पावर नैप आपके शरीर को फिर से ऊर्जा दे सकती है और आपका ध्यान और एकाग्रता बढ़ा सकती है. यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो लंबे समय तक काम करते हैं या जिन्हें रात में पर्याप्त नींद नहीं मिलती है. - बेहतर मस्तिष्क कार्य
दोपहर में सोने से मस्तिष्क कार्य में सुधार हो सकता है. यह याददाश्त, सीखने की क्षमता और रचनात्मकता को बढ़ाता है. जब हम सोते हैं, तो हमारा मस्तिष्क नई जानकारी को प्रोसेस करता है और उसे मेमोरी में सुरक्षित रखता है. - बेहतर मूड
दोपहर में सोने से मूड बेहतर होता है. यह तनाव को कम करने और मानसिक ताज़गी बढ़ाने में मदद करता है. दोपहर में सोने वाले लोग ज़्यादा शांत और सकारात्मक महसूस करते हैं. - हृदय स्वास्थ्य
कुछ शोध बताते हैं कि दोपहर में सोने से हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. यह रक्तचाप को कम करने और कोरोनरी रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है.
दोपहर में सोने के नुकसान
- रात की नींद पर असर
दोपहर में बहुत देर तक सोने से रात की नींद पर बुरा असर पड़ सकता है. अगर आप दोपहर में बहुत देर से सोते हैं, तो रात में सोना मुश्किल हो सकता है. इससे नींद का चक्र गड़बड़ा सकता है और नींद की गुणवत्ता खराब हो सकती है. - नींद की जड़ता
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आप नींद से जागने के बाद थोड़े समय के लिए उनींदापन महसूस करते हैं. अगर आप दोपहर में गहरी नींद में चले जाते हैं और अचानक जाग जाते हैं, तो आपको नींद की जड़ता का अनुभव हो सकता है, जिससे तुरंत सक्रिय होना मुश्किल हो सकता है. - अधिक सोने का जोखिम
कुछ लोगों के लिए, दोपहर की झपकी एक नियमित आदत बन सकती है और वे धीरे-धीरे इसे लंबी अवधि के लिए बढ़ा सकते हैं. यह आदत कभी-कभी आलस्य को बढ़ावा दे सकती है और दैनिक गतिविधियों में बाधा डाल सकती है.
दोपहर की झपकी अच्छी है या बुरी?
अगर सही तरीके से लिया जाए, तो दोपहर की झपकी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है. एक छोटी सी पावर नैप (20-30 मिनट) ऊर्जा, सतर्कता और मस्तिष्क के कार्य को बढ़ाने में मददगार हो सकती है. हालांकि, इसे आदत बनाने से पहले अपनी व्यक्तिगत ज़रूरतों और दैनिक गतिविधियों को ध्यान में रखना ज़रूरी है. अगर आपको रात में सोने में परेशानी होती है, तो दोपहर में सोने से बचना बेहतर हो सकता है.