Anand Mahindra: भारतीय दामाद क्यों नहीं? एक यूजर के इस सवाल पर आनंद महिंद्रा ने दिया बेहतरीन जवाब
Anand Mahindra: एक ट्विटर यूजर ने उनसे सवाल किया कि भारतीय दामाद क्यों नहीं. इस पर दिग्गज बिजनेसमैन आनंद महिंदा ने कहा कि मेरे बच्चों को अपने जीवन साथी चुनने की पूरी आजादी थी. उन्होंने ट्वीट करते हुए यूजर के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि...
Anand Mahindra: आनंद महिंद्रा जितने बड़े उद्योगपति हैं उतने ही सोशल मीडिया में वो एक्टिव भी रहते हैं. सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट अक्सर चर्चा का विषय बन जाते हैं. इसके अलावा अपने फैंस और दूसरे यूजर्स के सवालों का भी वो बखूबी और बेहद शानदार ढंग से जवाब भी देते हैं. ऐसे ही वाक्या सामने आया है. दरअसल एक यूजर ने उनसे उनके दामाद को लेकर सवाल किया. इस सवाल का महिंद्रा ने ऐसा जवाब दिया कि सोशल मीडिया में उनकी खूब वाहवाही हो रही है.
भारतीय दामाद क्यों नहीं: एक ट्विटर यूजर ने उनसे सवाल किया कि भारतीय दामाद क्यों नहीं. इस पर दिग्गज बिजनेसमैन आनंद महिंदा ने कहा कि मेरे बच्चों को अपने जीवन साथी चुनने की पूरी आजादी थी. उन्होंने ट्वीट करते हुए यूजर के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यह मेरा काम नहीं है. मेरी बेटियों को अपने जीवनसाथी का चुनाव करने का पूरा अधिकार है. सोशल मीडिया में आनंद महिंद्रा के जवाब को खूब सराहा जा रहा है.
कई अन्य यूजर्स ने की निंदा: वहीं, ट्विटर यूजर के आनंद महिंद्रा से निजी सवाल पूछने पर कई अन्य यूजर्स निंदा कर रहे हैं. वहीं, आनंद महिंद्रा के जवाब की भी ये सराहना कर रहे हैं. दरअसल आनंद महिंद्रा ने अपने जवाब में कहा कि बेटियों के लाइफ पार्टनर चुनने में दखल देने का मेरा कोई अधिकार नहीं है, मेरी बेटियां अपनी पसंद से अपना जीवनसाथी चुन सकती हैं. महिंद्रा ने कहा कि बेटियों के फैसले पर गर्व है.
Because that’s none of my business either. My daughters, on their own, chose their life partners. And I’m proud of them for that. https://t.co/QfVHsRuXwM
— anand mahindra (@anandmahindra) November 26, 2022
दिल को छू लेने वाला दिया था जवाब: गौरतलब है कि आनंद महिंद्रा अक्सर अपने ट्वीट शेयरिंग के लिए सुर्खियों में रहते हैं बीते हफ्ते उन्होंने जाने माने अभिनेता और कवि आशुतोष राणा की एक कविता अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया था. उस कविता में उन्होंने दिल को छू लेना वाला कैप्शन भी लिखा था. आनंद महिंद्रा ने कैप्शन लिखा था बचपन की मासूमियत हमें उस अद्भुत समय के मूल्य को समझने से रोकती है.
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