Ashwin Month 2022: पंचांग के अनुसार, आश्विन मास 2022 का शुभारंभ 10 सितंबर 2022 से दोपहर 3 बजकर 30 मिनट से होगा। इसलिए 11 सितंबर से मान्य होगा. इस महीने कई प्रमुख व्रत-त्योहार आएंगे. शुरुआत में पितृपक्ष होगा, जिसमें दान-धर्म के कार्य किए जाएंगे. मध्य में शारदीय नवरात्र आएंगे. इसके अलावा इस महीने के अंत में दशहरा (Dussehra 2022) और शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2022) जैसे प्रमुख व्रत-त्योहार पड़ेंगे. आइए जानते हैं कि इस आश्विन मास के प्रमुख व्रत-त्योहारों की लिस्ट.
-
11 सितंबर 2022, रविवार- आश्विन माह प्रारंभ, कृष्ण पक्ष प्रतिपदा
-
13 सितंबर 2022, मंगलवार- विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत
-
17 सितंबर 2022, शनिवार- कन्या संक्रांति, विश्वकर्मा पूजा, महालक्ष्मी व्रत
-
18 सितंबर 2022, रविवार- जीवित्पुत्रिका व्रत
-
21 सितंबर 2022, बुधवार- इंदिरा एकादशी व्रत
-
23 सितंबर 2022, शुक्रवार- शुक्र प्रदोष व्रत
-
24 सितंबर 2022, शनिवार,- आश्विन शिवरात्रि
-
25 सितंबर रविवार,- सर्व पितृ अमावस्या, आश्विन अमावस्या, महालया, पितृपक्ष समापन
-
26 सितंबर 2022, सोमवार- महाराजा अग्रसेन जयंती, शारदीय नवरात्रि शुरू, कलश स्थापना, मां शैलपुत्री की पूजा
-
29 सितंबर 2022, गुरुवार,- विनायक चतुर्थी व्रत
-
30 सितंबर 2022, शुक्रवार- ललिता पंचमी व्रत
-
03 अक्टूबर 2022, सोमवार- महाष्टमी पूजा, दुर्गा अष्टमी, कन्या पूजन
-
04 अक्टूबर 2022, मंगलवार- नवरात्रि पारण, दुर्गा नवमी
-
05 अक्टूबर 2022, बुधवार- दशहरा, विजयादशमी, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, रावण पुतला दहन
-
06 अक्टूबर 2022, गुरुवार- पापांकुशा एकादशी व्रत
-
07 अक्टूबर 2022, शुक्रवार- प्रदोष व्रत
-
09 अक्टूबर 2022, रविवार- कोजागर पूर्णिमा व्रत, आश्विन पूर्णिमा व्रत, शरद पूर्णिमा
पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 17 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से हो रहा है और यह तिथि अगले दिन 18 सितंबर को शाम 04 बजकर 32 मिनट तक मान्य है. ऐसे में जीवित्पुत्रिका व्रत 18 सितंबर दिन रविवार को रखा जाएगा.
विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर शनिवार के दिन सुबह 7.38 मिनट से शुभ योग है उस समय पूजा करें लाभ मिलेगा. इसके बाद 11.57 मिनट मिनट से 13. 38 तक का समय बेहद ही शुभ रहेगा.इस दिन सिद्धि योग रहेगा.
शारदीय नवरात्रि का हिंदू धर्म में खास महत्व है. यह त्योहार 26 सितंबर से शुरू हो रहे हैं. नवरात्रि में 9 दिन तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है.
दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. इस दिन रावण दहन किया जाता है. मान्यता है कि विजयादश्मी के दिन ही भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था. इसके अलावा इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है.