August 2022 Vrat List: कल से अगस्त का महीना शुरू, रक्षाबंधन से लेकर जन्माष्टमी मनाएं जाएंगे ये सारे पर्व
August 2022 Vrat List: कल से अगस्त का महीना शुरू होने जा रहा है. इस माह में रक्षाबंधन, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जैसे ढेर सारे त्योहार मनाएं जाएंगे. आइए देखते हैं अगस्त महीने के अन्य व्रत और त्योहारों की पूरी लिस्ट यहां
August 2022 Vrat List: अगस्त में खूब सारे त्योहार मनाए जाने वाले हैं. इसके अलावा इस महीने में सावन की पूर्णिमा (Sawan Purnima), कजरी तीज (Kajri Teej 2022), श्रीकृष्ण जन्माष्टमी(Janmashtami 2022), अजा एकादशी (Aja Ekadashi 2022), हरितालिका तीज (Haritalika Teej 2022) समेत कई अन्य व्रत और त्योहार पड़ने वाले हैं. आइए देखते हैं अगस्त महीने के अन्य व्रत और त्योहारों की पूरी लिस्ट यहां
अगस्त 2022 के व्रत त्योहार
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2 अगस्त (मंगलवार) नाग पंचमी
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8 अगस्त (सोमवार) श्रावण पुत्रदा एकादशी
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9 अगस्त (मंगलवार) प्रदोष व्रत (शुक्ल)
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11 अगस्त (गुरुवार) रक्षा बंधन
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12 अगस्त (शुक्रवार) श्रावण पूर्णिमा व्रत
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14 अगस्त (रविवार) कजरी तीज
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15 अगस्त (सोमवार) संकष्टी चतुर्थी
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17 अगस्त (बुधवार) सिंह संक्रांति
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19 अगस्त (शुक्रवार) जन्माष्टमी
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23 अगस्त (मंगलवार) अजा एकादशी
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24 अगस्त (बुधवार) प्रदोष व्रत (कृष्ण)
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25 अगस्त (गुरुवार) मासिक शिवरात्रि
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27 अगस्त (शनिवार) भाद्रपद अमावस्या
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30 अगस्त (मंगलवार) हरतालिका तीज
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31 अगस्त (बुधवार) गणेश चतुर्थी
सावन शुक्ल पक्ष में ग्रहों का राशि परिवर्तन ( Sawan Rashi Parivartan, August 2022 Calendar)
सावन शुक्ल पक्ष में ग्रहों की चाल में भी परिवर्तन देखने को मिलेगा. ज्योतिषीय गणना के अनुसार आने वाले दिनों में कौन कौन से ग्रह राशि बदल रहे हैं, जानते हैं-
सिंह राशि में बुध का राशि परिवर्तन (Mercury Transit 2022)- 1 अगस्त 2022
कर्क राशि में शुक्र का राशि परिवर्तन (Venus Transit 2022)- 7 अगस्त 2022
वृषभ राशि में मंगल का राशि परिवर्तन (Mars Transit 2022)- 10 अगस्त 2022
विनायक चतुर्थी
विनायक चतुर्थी 1 अगस्त को है. हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि, इस दिन व्रत रखने से जातकों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
नाग पंचमी
नाग पंचमी पर्व 2 अगस्त 2022 मंगलवार को है. हर साल नाग पंचमी का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है. इस दिन नाग देवता की पूजा का विधान है.
स्कन्द षष्ठी
सावन माह में स्कंद षष्ठी व्रत 3 अगस्त 2022 को रखा जाएगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार, स्कंद षष्ठी व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन रखा जाता है. दक्षिण भारत के राज्यों में लोकप्रिय यह व्रत भगवान कार्तिकेय के लिए रखा जाता है. भगवान कार्तिकेय भगवान शिव और माता पार्वती के बड़े पुत्र हैं.
तुलसीदास जयन्ती
तुलसीदास जयंती 4 अगस्त 2022, गुरुवार को है. हर साल श्रावण माह शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसी दास जयंती मनाई जाती है. तुलसीदास जी का जन्म संवत 1589 में उत्तर प्रदेश के वर्तमान बांदा जनपद के राजापुर नामक गांव में हुआ था.
रक्षा बन्धन
रक्षा बंधन पर्व 11 अगस्त 2022 को है. यह पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस दिन बहन अपने भाई की दीर्घायु और स्वस्थ जीवन के लिए उनकी कलाई में राखी बांधती है.
कजरी तीज
14 अगस्त 2022 को कजरी तीज का पर्व है. कजरी तीज भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है. इसे भादौ तीज भी कहा जाता है. इस व्रत में भी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु का कामना में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधिवत रूप से करती है.
कृष्ण जन्माष्टमी
कृष्ण जन्माष्टमी 19 अगस्त 2022 को मनायी जाएगी. जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को ही कहा जाता है. पौराणिक ग्रंथों के मतानुसार श्री कृष्ण का जन्म का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि के समय हुआ था.
हरतालिका तीज
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज व्रत का अनुष्ठान किया जाता है. यह व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं. इस व्रत में भी कजरी तीज की तरह भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ को अपने पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने हरितालिका तीज व्रत रखा था. पंचांग के अनुसार हरतालिका तीज व्रत इस साल 30 अगस्त 2022 को रखा जाएगा. इस दिन सुबह साढ़े छह बजे से लेकर 8 बजकर 33 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा.
गणेश चतुर्थी
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी कि 31 अगस्त, बुधवार को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. देशभर में गणेश उत्सव पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है. खासकर महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का पर्व बहुत ही भव्य रूप से मनाया जाता है. बप्पा का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है. मान्यता है कि गणपति बप्पा को इस दिन अपने घर में लाकर विराजमान करने से वे अपने भक्तों के समस्तम विध्न, बाधाएं दूर करते हैं. इस भव्य उत्सव में बप्पा को लेकर आना, घर में स्थापित करना, फिर डेढ़ दिन, ढाई दिन, सात दिन और 10 दिन तक उन्हें श्रद्धानुसार पूजना फिर विसर्जन करने का प्रक्रम होता है.