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Baba Baidyanath Dham Budget Tour: सावन माह में कम पैसों में ऐसे करें बाबा बैद्यनाथ धाम की यात्रा

Baba Baidyanath Dham Budget Tour: बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक पवित्र वैद्यनाथ शिवलिंग झारखंड के देवघर में स्थित है. इस जगह को लोग बाबा बैजनाथ धाम के नाम से भी जानते हैं. कहते हैं भोलेनाथ यहां आने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इसलिए इस शिवलिंग को 'कामना लिंग' भी कहते हैं.

Baba Baidyanath Dham Budget Tour: सावन के माह में लोग शिवजी के मंदिर जाकर पूजा करते हैं. इसी समय अलग अलग ज्योतिर्लिंगों के दर्शन की भी मान्यता है.  बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक पवित्र वैद्यनाथ शिवलिंग झारखंड के देवघर में स्थित है. इस जगह को लोग बाबा बैजनाथ धाम के नाम से भी जानते हैं. कहते हैं भोलेनाथ यहां आने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इसलिए इस शिवलिंग को ‘कामना लिंग’ भी कहते हैं.

बाबा बैद्यनाथ मंदिर कहां स्थित है
बाबा बैद्यनाथ मंदिर भारतीय राज्य झारखंड के देवघर जिले में स्थित है. दोस्तों यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जहां करोड़ों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए हर साल देश के विभिन्न क्षेत्रों से जाते हैं.

फ्लाइट से देवघर कैसे जाएं
देवघर में ही देवघर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जो देवघर शहर से मात्र 9-10 किमी. की दूरी पर स्थित है. अगर आप फ्लाइट के माध्यम से देवघर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आप अपने शहर से देवघर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के लिए फ्लाइट पकड़ सकते हैं. देवघर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा से देवघर जाने के लिए आपको टैक्सी की सुविधा मिल जाएगी. देवघर जाने के बाद आप बाबा बैद्यनाथ के दर्शन कर सकते हैं.

ट्रेन से देवघर कैसे जाएं
देवघर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन देवघर जंक्शन है, जो देवघर शहर से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. देवघर जंक्शन भारत के नहीं, बल्कि झारखंड के ही कुछ पड़ोसी शहरों से रेलवे मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है. अगर आप झारखंड के निवासी हैं, तो आपको देवघर जाने के लिए झारखंड के भी सभी शहरों से डायरेक्ट ट्रेन की सुविधा नहीं मिलेगी, इसलिए ट्रेन के माध्यम से देवघर जाने के लिए आप धनबाद, रांची या बोकारो के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं, जहां से देवघर के लिए ट्रेन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.

बस से देवघर कैसे पहुंचे

देवघर के लिए झारखंड के प्रमुख शहर रांची, धनबाद एवं बोकारो के साथ-साथ झारखंड के अन्य शहरों से भी देवघर के लिए बस की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. इसके अलावा भी आपको बिहार एवं उत्तर प्रदेश के कुछ प्रमुख शहरों से देवघर के लिए बस की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. यानी कि अगर आप बस के माध्यम से देवघर जा रहे हैं और आपके शहर से देवघर के लिए बस की सुविधा ना मिले तो आप अपने शहर से रांची, धनबाद या बोकारो के लिए बस पकड़ सकते हैं और वहां से दूसरी बस के माध्यम से देवघर जा सकते हैं.

बाइक और कार से देवघर कैसे जाएं

दोस्तों आप भी समझ सकते हैं कि अगर आप अपनी बाइक एवं कार के माध्यम से देवघर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आप बिना किसी चीज का इंतजार किए देवघर पहुंच सकते हैं. आप चाहें तो अपनी बाइक एवं कार के अलावा प्राइवेट टैक्सी कार या बस के माध्यम से भी देवघर जा सकते हैं. देवघर में आपको सभी जरूरी चीजें मिल जाएंगी, लेकिन अगर आप छोटी से छोटी चीज देवघर में ढूंढेंगे तो आपको देवघर में नहीं मिलेगी. इसके लिए आपको रांची, धनबाद या बोकारो में ही अपनी जरूरत की सभी सामानों का शॉपिंग करना पड़ेगा.

बैद्यनाथ मंदिर के आसपास अन्य धार्मिक स्थल
बैद्यनाथ धाम के आसपास के प्रमुख धार्मिक स्थल की बात करें तो चित्रकूट पर्वत, नौलखा मंदिर, बासुकीनाथ ज्योतिर्लिंग, आदि हैं आप वैद्यनाथ धाम के ट्रिप के दौरान इन धार्मिक स्थलों को भी विजिट अवश्य करें.

बाबा बैद्यनाथ मंदिर के आसपास खाने-पीने की सुविधा –
दोस्तों बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पास और टावर चौक के पास आपको बहुत सारे रेस्टोरेंट्स और होटल्स वगैरह देखने को मिल जाएंगे, जहां पर आप खाना खा सकते हैं. दोस्तों बाबा बैद्यनाथ मंदिर के आसपास खाने-पीने का रेट काफी ज्यादा नहीं होता है. यहां पर आपको मात्र ₹ 80-100 में थाली सिस्टम खाना मिल जाएगा. अगर पूरे दिन में खाने-पीने में होने वाले खर्च की बात करें, तो एक दिन में आपका खाने-पीने का टोटल खर्च ₹ 300-400 तक हो सकता है.

बाबा बैद्यनाथ धाम की यात्रा का कुल खर्च – Baba Baidyanath Dham Cost In Hindi.
बाबा बैद्यनाथ धाम की यात्रा का कुल बजट के बारे में आप नीचे विस्तार से एक-एक चीजों के बारे में जान सकते हैं.

खाने-पीने में खर्च – ₹ 400

2 दिन का खाने-पीने में खर्च – ₹ 800

होटल का खर्च – ₹ 700

दो लोग रहने पर होटल का किराया आधा आधा हो जाएगा.

बैजनाथ धाम की रोचक जानकारियां
बैधनाथ देश का एक ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो शक्तिपीठ भी है. यहां देवी सती का हृदय गिरा था. कहते हैं कि यहां बाबा माता सती के ह्दय में विराजमान है इसलिए इस ज्योतिर्लिंग को हृदयापीठ भी कहा जाता है.
मंदिर को लेकर एक रहस्य आज भी बरकरार है कि यहां भक्त मुरादें लेकर आते हैं लेकिन शिवलिंग को स्पर्श करते ही अपनी मनोकामना भूल जाते हैं.
शिवधाम में त्रिशूल लगा होता है लेकिन बैद्यनाथ मंदिर में पंचशूल लगा है. कहते हैं ये पंचशूल सुरक्षा कवच है. मान्यता है कि इसके यहां रहते हुए कभी मंदिर पर कोई आपदा नहीं आ सकती.
बैद्यनाथ मंदिर का ये पंचशूल मानव शरीर के पांच विकार काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह को नाश करने का प्रतीक है.

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