Basant Panchami 2023 सरस्वती पूजा आज, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व जानें

Basant Panchami 2023, Saraswati Puja 2023 date: हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी माघ चंद्र माह के शुक्ल पक्ष पंचमी के दौरान मनाई जाती है. बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में भी जाना जाता है. इस बार सरस्वती पूजा कब मनाई जायेगी आगे पढ़ें...

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 26, 2023 6:32 AM

Basant Panchami 2023, Saraswati Puja 2023 date: हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी माघ चंद्र माह के शुक्ल पक्ष पंचमी के दौरान मनाई जाती है. बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में भी जाना जाता है. यह दिन देवी सरस्वती को समर्पित मना गया है. यह ‘माघ’ महीने के पांचवें दिन मनाया जाता है, जो वसंत ऋतु की शुरुआत का संकेत देता है. बसंत पंचमी को होली के आगमन का संकेत भी माना जाता है, जो बसंत पंचमी के चालीस दिन बाद होती है. सरस्वती पूजा 2023 में कब है? सही तारीख, शुभ मुहूर्त और इस दिन का महत्व जानने के लिए आगे पढ़ें…

सरस्वती पूजा 2023 तारीख, शुभ मुहूर्त

25 जनवरी 2023 को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से 26 जनवरी 2023 को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक बसंत पंचमी मनाई जाएगी.

उदया तिथि के अनुसार सरस्वती पूजा 26 जनवरी को मनाई जायेगी.

सरस्वती पूजा सामग्री

  • मां सरस्वती की मूर्ति या फोटो, गणेश मूर्ति या फोटो

  • पीले वस्त्र

  • आम के पत्ते

  • केसर

  • हल्दी

  • अक्षत

  • तिलक

  • गंगाजल

  • घड़ा (कलश)

  • नैवेघ

  • सरस्वती यंत्र

  • दूर्वा घास

  • पीले फूल- गेंदा, सरसाें

  • भोग लगाने के लिए बेसन के लड्डू, मिठाई

सरस्वती पूजा विधि

  • सुबह स्नान कर स्वच्छ पीले रंग के कपड़े पहनें.

  • वसंत पंचती के दिन देवी सरस्वती मूर्ती या फोटो स्थापित करें साथ में गणेश जी को भी रखें और पूजा करें.

  • देवी को सफेद या पीले कपड़े और फूलों से सजायें, क्योंकि पीला रंग देवी सरस्वती का पसंदीदा रंग माना जाता है.

  • पूजा के स्थान पर किताब, कॉपी, वाद्ययंत्र रखें.

  • कुमकुम, अक्षत लगायें.

  • पीले फल अर्पित करें.

  • पीले फूल सरसों, गेंदे का अर्पित करें.

  • बेसन और केसर से बनी मिठाइयां बना कर भोग लगाएं.

  • देवी सरस्वती स्त्रोत, मंत्र, आरती करें.

  • वसंत पंचमी का त्योहार होलिका और होली की तैयारी की शुरुआत भी करता है, जो चालीस दिन बाद होती है.

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बसंत पंचमी का महत्व

बसंत पंचमी को सरस्वती जयंती के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसे देवी सरस्वती की जयंती माना जाता है. छोटे बच्चों को शिक्षा और औपचारिक शिक्षा की दुनिया से परिचित कराने की एक रस्म विद्या आरंभ का इस दिन बहुत महत्व है. बसंत पंचमी पर, कई स्कूलों और कॉलेजों में सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है.

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