Parenting Tips By Sadhguru: बच्चे के बॉस नहीं, उनके सच्चे साथी बनों – जानें सद्गुरु की खास पैरेंटिंग टिप्स
सद्गुरु के अनुसार, बच्चों के साथ बॉस की तरह नहीं, बल्कि दोस्त की तरह व्यवहार करें और उनके जीवन को बेहतर बनाने में उनकी मदद करें.
Parenting Tips By Sadhguru: बच्चों के पालन-पोषण में माता-पिता की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है. बच्चों के साथ एक ऐसा रिश्ता बनाना, जिसमें वे न केवल अपने माता-पिता को समझ सकें, बल्कि उनसे खुलकर बात भी कर सकें, बहुत जरूरी है. सद्गुरु, जो एक प्रख्यात योग गुरु और प्रेरणादायक वक्ता हैं, ने पैरेंटिंग को लेकर कई अहम सुझाव दिए हैं.
उनका कहना है कि माता-पिता को बच्चों के बॉस बनने के बजाय उनके साथी की भूमिका निभानी चाहिए. यह सुझाव न केवल बच्चों के विकास में मदद करता है, बल्कि माता-पिता और बच्चों के बीच एक गहरा और प्यार भरा रिश्ता भी बनाता है.
Parenting Tips By Sadhguru: सद्गुरु के अनुसार सही पैरेंटिंग क्या है?
सद्गुरु का मानना है कि बच्चों को अपना जीवन सही तरीके से जीने के लिए आजादी और मार्गदर्शन दोनों की जरूरत होती है. माता-पिता को बच्चों को हर समय आदेश देने या उन पर नियंत्रण रखने के बजाय उनकी जरूरतों और विचारों को समझने की कोशिश करनी चाहिए.
1. बच्चों को समझें और सुनें
बच्चे जब अपनी बातों को माता-पिता से साझा करते हैं, तो उन्हें ध्यान से सुनें. उनके विचारों और भावनाओं को सम्मान दें. यह न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें यह भी महसूस कराता है कि उनके विचारों का महत्व है.
2. शिक्षा के साथ अनुभव का महत्व
सद्गुरु कहते हैं कि बच्चों को केवल किताबी ज्ञान देने से ज्यादा महत्वपूर्ण है उन्हें अनुभवों से सिखाना. उन्हें जीवन के वास्तविक पहलुओं से परिचित कराएं ताकि वे सही और गलत का खुद आकलन कर सकें.
3. प्यार और अनुशासन का संतुलन
माता-पिता को बच्चों के साथ अनुशासन बनाते हुए भी प्यार और धैर्य का परिचय देना चाहिए. कठोर व्यवहार बच्चों को डराता है, जबकि प्यार उन्हें अपनी गलतियों से सीखने का मौका देता है.
4. उन्हें खुद का व्यक्तित्व बनाने दें
सद्गुरु का मानना है कि हर बच्चा अलग और अनोखा होता है. माता-पिता को बच्चों पर अपनी इच्छाएं और सपने थोपने के बजाय उन्हें अपनी राह चुनने देना चाहिए.
5. एक दोस्ताना रिश्ता बनाए रखें
जब माता-पिता बच्चों के साथ दोस्त की तरह व्यवहार करते हैं, तो बच्चे अपनी समस्याओं को खुलकर साझा करने में सहज महसूस करते हैं. यह रिश्ता उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है.
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सद्गुरु की टिप्स का पालन कैसे करें?
- बच्चों के साथ समय बिताएं और उनके पसंदीदा कार्यों में रुचि दिखाएं.
- उन्हें हर सवाल का जवाब दें, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो.
- उनकी गलतियों पर गुस्सा करने के बजाय उन्हें समझाने की कोशिश करें.
- अपने बच्चे के सपनों को समझें और उनका समर्थन करें.
सद्गुरु के विचार हमें यह समझाते हैं कि बच्चों को प्यार, समझ और सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है. उनके साथ बॉस की तरह व्यवहार करने के बजाय दोस्त की तरह रहना, उन्हें आत्मनिर्भर और खुशहाल बनाने का सबसे अच्छा तरीका है. अपने बच्चे के साथी बनें, न कि बॉस. यही सही पैरेंटिंग का मूल मंत्र है.
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