Beat The Heat: देशभर में भीषण गर्मी पड़ रही है. कई शहरों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक को छू रहा है. इस समय थोड़ी-सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. ऐसे में लू के लहर से बचने के लिए इन बातों का रखें खास ख्याल.
- कड़ी धूप में खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें. बच्चों को भी दिन में बाहर खेलने जाने से रोकें.
- अगर आपका निकलना अनिवार्य हो तो भरपेट भोजन कर के व हल्के रंग के ढीले-ढाले और सूती कपड़े पहनकर निकलें.
- धूप में बाहर निकलते समय अपना सिर जरूर ढक कर रखें. इसके लिए कपड़े, टोपी या छाता का उपयोग करें.
- पर्याप्त और नियमित अंतराल में पानी पीते रहें. रास्ते में अपने साथ पीने का पानी हमेशा रखें.
- अधिक तापमान में ज्यादा शारीरिक श्रम करने से बचें.
- हल्का भोजन करें और अधिक पानी की मात्रा वाले फल-सब्जी जैसे- तरबूज, खीरा, ककड़ी, खरबूजा, संतरा, लौकी, नेनुआ आदि का अधिक सेवन करें. गर्मियों में पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है. ऐसे में गरिष्ट भोजन जैसे- मांस, अंडा, सूखे मेवे व तला-भुना भोजन अवॉयड करें.
- इस समय खुद को हाइड्रेट रखने के लिए ओआरएस घोल या नमक-चीनी पानी का घोल, नारियल का पानी, लस्सी, नींबू पानी, छाछ, आम का पन्ना, बेल का शरबत, सत्तू का शरबत, सौंफ का पानी इत्यादि घरेलू पेय पदार्थों का नियमित सेवन करें.
- कार्बोनेटेड सोडा से बने कोल्ड ड्रिंक्स पीने में हो सकता है कि आपको अच्छे लगते हों, लेकिन ये शरीर को गर्मी प्रदान करते हैं और डिहाइड्रेट करते हैं. इनसे बचें.
- अपने घर को ठंडा रखने के उपाय करें, पर्दे, शटर आदि का प्रयोग करें. रात को घर में ठंडी व ताजी हवा आने देने की व्यवस्था रखें. आप अगर कहीं बाहर गये हों, तो बच्चों को बंद वाहनों में अकेला न छोड़ें.
- घर के पालतू जानवरों को छांव में रखें व उन्हें भी खूब पानी पीने को दें.
- आगामी तापमान परिवर्तन, स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान के लिए रेडियो, समाचार पत्रों व अन्य विश्वसनीय स्रोत से खुद को अपडेट रखें.
- कमजोरी महसूस होने, चक्कर आने या बीमार होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
लू लग जाने पर क्या करें
- लू लगे व्यक्ति को सबसे पहले छांव में लिटा दें. यदि उन्होंने टाइट कपड़े पहन रखें हों, तो उन्हें ढीला करें या खोल दें.
- ठंडे गीले से उनके शरीर को पोछें और उनके चेहरे पर पानी के छींटे मारें.
- शरीर का तापमान कम करने के लिए कूलर-पंखे का प्रयोग करें.
- गर्दन, पेट व सिर पर बार-बार गीला व ठंडा कपड़ा रखें.
- लू लगे व्यक्ति को ओआरएस घोल, नींबू पानी, नमक-चीनी पानी के घोल में से कोई एक पीने को दें.
- यदि व्यक्ति पानी जैसी उल्टियां करे या बेहोश हो, तो उन्हें कुछ भी खाने-पीने को न दें.
- लू लगे व्यक्ति की स्थिति में सुधार न दिखे तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र/डॉक्टर के पास लेकर जाएं.
बुजुर्गों का रखें खास ध्यान
बुजुर्गों को गर्मियों में हीट स्ट्रोक/ लू लगने की आशंका ज्यादा रहती है. जरूरी नहीं है कि उन्हें बाहर जाने पर ही हीट स्ट्रोक/लू लगे. अक्सर उन्हें कई तरह की बीमारियां होती हैं, जिनके लिए उन्हें नियमित तौर पर दवाइयां खानी पड़ती हैं. डिमेंशिया या पार्किंसन जैसी बीमारी से ग्रसित कई बुजुर्गों को गर्मी का अहसास नहीं होता. कई दवाइयां ऐसी होती है कि उन्हें पसीना अच्छी तरह नहीं आ पाता या आता है तो सूखता नहीं, जिससे उनका शरीर ठंडा नहीं हो पाता. उनके कमरे का तापमान ज्यादा होने और दवाइयां उनके शरीर का तापमान बढ़ा देती हैं. ऊपर से पेशाब ज्यादा आने के डर से पानी भी ज्यादा नहीं पीते. ध्यान न देने पर या लिक्विड डाइट ज्यादा न लेने के कारण उन्हें हीट स्ट्रोक हो जाता है. बचाव के लिए बुजुर्गों के कमरे के तापमान का ध्यान रखना जरूरी है. कमरे का हवादार होना, कूलर या एसी की व्यवस्था जरूर होनी चाहिए. उन्हें आरामदायक सूती कपड़े ही पहनने चाहिए. हल्का-सुपाच्य खाना और लिक्विड ज्यादा-से-ज्यादा लेना चाहिए.
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