Benefits of Palm Candy: आपने आमतौर पर मिलने वाली मिश्री तो देखी होगी जो सफेद रंग में उपलब्ध होती हैं, लेकिन क्या आपने कभी भूरे रंग की मिश्री या ताल मिश्री खाई है. अगर नहीं तो हम आपको बताते है कि ताल मिश्री क्या है और इसमें और सफेद मिश्री में क्या फर्क है. ताल मिश्री या पाम कैंडी एक नेचुरल स्वीटनर है. इसे बनाने में किसी भी तरह का कैमिकेल इस्तेमाल नहीं किया जाता, इसलिए इसे 6 महीने के बच्चों को भी दिया जा सकता है. ताल मिश्री को ताड़ या खजूर के रस से बनाया जाता है, इसलिए इसे ताल मिश्री कहते है.
इसे ताड़ के पेड़ से निकाला जाता है जो कि एक मोटा तना होता है जिस पर फूलों का एक समूह उगता है और इन फूलों से ताल मिश्री तैयार की जाती है. ताल मिश्री बनाने की एक विशेष प्रक्रिया होती है. जिसमें सबसे पहले ताड़ के पेड़ के पुष्पक्रम के रस को इकट्ठा किया जाता है. फिर, उस रस को तब तक उबाला जाता है जब तक वो पूरी तरह से गाढ़ा न हो जाए. अब, इस सिरप को अलग-अलग सांचों में डालकर जमाया जाता है, फिर जाकर तैयार होती है ताल मिश्री.
मिश्री में बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं, इसलिए इसे कई तरह की आयुर्वेदिक दवाईयों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.इस मिश्री में कैल्शियम, विटामिन बी 12, आयरन और अमीनो एसिड जैसे खनिज पाए जाते है.इसके अलावा, ताल मिश्री प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट का भी एक अच्छा स्रोत है जो शरीर को स्वस्थ्य बनाए रखने में मदद करता है.
बच्चों को पिलाना फायदेमंद
आप अपने 6 महीने से बच्चे को ताल मिश्री का पानी पिला सकती हैं, इससे बच्चे के पेट में ठंडक बनी रहती है.साथ ही, अगर बच्चा वैसे पानी पीना पसंद नहीं कर रहा है तो उसे ये मीठा पानी जरूर भाएंगा और इससे उसके स्वास्थ्य पर कोई बुरा कसर भी नहीं पड़ेगा. मिश्री में आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और विटामिन ए, बी 1, बी 2, बी 3, बी 6 जैसे खनिज पदार्थ पाएं जाते है जो बच्चे के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते है.
हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता
अगर आपके शरीर में खून की कमी हो रही है तो आप ताल मिश्री खाना शुरू कर दें, इससे आपको बहुत फायदा होगा.ताल मिश्री के नियमित सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ेगा और साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी सही बना रहेगा.
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सर्दी-खांसी में फायदेमंद
सर्दी-खांसी एक आम बीमारी है, अकसर जब हमें ठंड लग जाती है तो हमें खांसी-जुकाम हो जाता है. में ताल मिश्री के पाउडर में घी और काली मिर्च पाउडर मिलाकर इसका पेस्ट बना लें और फिर इस पेस्ट को खाएं, इससे आपको सर्दी-खांसी से राहत मिलेगी. इसके अलावे अगर आप चाहे तो सर्दी-खांसी के लिए ताल मिश्री से बनी आयुर्वेदिक दवाईयों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं.
एनर्जी भी मिलती है
चूंकी ताल मिश्री खजूर के रस से बनता है इसलिए इसके सेवन से शरीर को एनर्जी मिलती है. क्योंकि खजूर को एनर्जी बूस्टर माना जाता है.
डाइजेशन बेहतर करती है
चूंकी ताल मिश्री खाने से पेट में ठंडक बनी रहती है, इसलिए आपका हाजमा भी सही रहता है. ताल मिश्री और सौंफ एक साथ खाने से डाइजेस्टिव सिस्टम में सुधार होता है. इसमें डाइजेस्टिव गुण मौजूद होते हैं, जिससे खाना आसानी से पच जाता है. तो अब खाने के बाद जब भी कुछ मीठा खाने का मन हो तो ताल मिश्री मुंह में डालें और स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी मजा लें.