Bhitarkanika National Park: मानसून में प्रवासी जलीय पक्षी का केंद्र है यह उद्यान, जानें क्या कुछ है खास?
Bhitarkanika National Park: अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान ने इस मानसून में एक लाख से अधिक प्रवासी जलीय पक्षियों की मेजबानी की जो प्रवासी पक्षियों की आवक में सात प्रतिशत की वृद्धि है. यह वन मेहमान पक्षियों के लिए ओडिशा में सबसे अनुकूल प्रजनन मैदानों में से एक है.
Bhitarkanika National Park: मौसम के अनुसार कई प्रवासी पक्षियों की पहली पसंद भारत होता है. यहां के वातावरण की वजह से कई प्रवासी जलीय पक्षी यहां आते है. भारत के कुछ उद्यान और जलाशय को अपना आश्रय बनाते है. ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में भी हर मानसून प्रवासी जलीय पक्षियों का जमावड़ा लगता है. कई पक्षी मानसून के वक्त इस अनुकूलित वातावरण वाले भितरकनिका नेशनल पार्क में आते है. अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इस मानसून प्रवासी जलीय पक्षियों की संख्या बढ़ी है.
एक लाख से अधिक प्रवासी जलीय पक्षियों की मेजबानी
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान ने इस मानसून में एक लाख से अधिक प्रवासी जलीय पक्षियों की मेजबानी की जो प्रवासी पक्षियों की आवक में सात प्रतिशत की वृद्धि है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह वन मेहमान पक्षियों के लिए ओडिशा में सबसे अनुकूल प्रजनन मैदानों में से एक के रूप में बनकर उभरा है. उन्होंने कहा कि केंद्रपाड़ा जिले के वन्यजीव वन में इन पक्षियों की प्रजातियों के आगमन में इस बार देरी भी देखी गयी है हालांकि इसका कारण बारिश का दौर एक समान नहीं नहीं होना बताया गया.
न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप, आदर्श जलवायु परिस्थिति
अधिकारी ने कहा कि हमने उद्यान के मैंग्रोव वाले क्षेत्र के साथ मानसूनी पक्षियों का एक विशाल समूह देखा है.’ गणना करने वालों ने 2021 में 1.09 लाख की तुलना में इस वर्ष 1.16 लाख पक्षियों की गणना की. घोंसला बनाकर प्रवास करने वाले पक्षियों में बगुले, डार्टर और एग्रेट्स प्रमुख हैं . राजनगर मैंग्रोव खंड के अधिकारी ने कहा कि न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप, आदर्श जलवायु परिस्थितियों और नदी प्रणाली ने पक्षियों के आगमन के अनुकूल माहौल बनाया.
पक्षी विज्ञानी सलीम अली ने की खोज
भितरकनिका के अधिकारियों ने पिछले हफ्ते मौसमी मानसूनी पक्षियों की गणना के लिए एक अभियान शुरू किया था. दस पक्षी विज्ञानी और वन्यजीव कर्मियों वाली दो टीमें गणना के काम में जुटी थीं. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि कोर क्षेत्र के अलावा, सतभया और बरुनेई जैसे भींगे हुए स्थलों को भी गणना के लिए शामिल किया गया था. बता दें कि प्रख्यात पक्षी विज्ञानी सलीम अली ने 1981 में भितरकनिका की आकस्मिक यात्रा के दौरान पक्षियों के आवास की खोज की थी.
मगरमच्छों का सबसे बड़ा स्थान
672 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला यह वन खारे पानी के जलीय पौधों मैंग्रोव वनों का एक अनूठा आवास है और इसमें खाड़ियों और नहरों का एक नेटवर्क है. यह देश में खारे पानी के मगरमच्छों का सबसे बड़ा स्थान है. अधिकारी ने कहा कि पक्षियों के लिए भोजन के पर्याप्त विकल्प हैं क्योंकि यह जगह असंख्य पानी के प्रवेश द्वारों से घिरी हुई है और मानवीय हस्तक्षेप से मुक्त है.