प्रभात खबर के दीपावली विशेषांक में इस वर्ष मधुर मिलन नायक की दो अंगिका कविताएं प्रकाशित हुईं हैं. बिषहरी गीत और चंपा महिमा को आप यहां भी पढ़ सकते हैं…
सांपो के देवी मैया बिषहरी गे
तोरो महिमा अपार बिषहरी गे
तोरो महिमा अपार
बारी कलशा उठैलियै गे मैया
बदलियहैं हमरो कपार, बिषहरी गे
बदलियहैं हमरो कपार
हे गे शिवांशी, हे गे मनसा
डलिया करिय्हैं स्वीकार, बिषहरी गे
डलिया करिय्हैं स्वीकार
छह गो सिंगारी देलियौ गे मैया
नेतुला साथें पूजाय, बिषहरी गे
नेतुला साथें पूजाय
पांचो स्वरूप तोरो पूजबौ, गे मैया
मनसा स्वरूप कहलाय, बिषहरी गे
मनसा स्वरूप कहलाय
जया, दुतिला, पदमा, गे मैया
आदिकुसमिन, मैना स्वरूप, बिषहरी गे
आदिकुसमिन मैना स्वरूप
बाला बिहुला पूजै, गे मैया
चांदौ धूप देखाय, बिषहरी गे
चांदौ धूप देखाय
हाथ जोरी तोरा बिनमौं, गे मैया
करिय्हैं जगत कल्याण, बिषहरी गे
करिय्हैं जगत कल्याण.
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बेरमा उद्गम स्थल
कल कल बहे सखिया हे
यही चंपा के भाग जागे सखिया हे
मंदारों के अविचलता
रत्नों के गवहिया हे
यही चंपा के भाग जागे सखिया हे
मालिनी चंदन वन में
चानन बने सखिया हे
यही चंपा के भाग जागे सखिया हे
रोमपाद के वर्षिणी
कौशल्या के बहिनिया हे
यही चंपा के भाग जागे सखिया हे
अष्ट्रावक, श्रृंगी ऋषि
आरू सिनी सखिया हे
यही चंपा के भाग जागे सखिया हे
करण के दानवीरता
याचक कन्हैया हे
यही चंपा के भाग जागे सखिया हे
महासती बिहुला
मनसा के महतिया हे
यही चंपा के भाग जागे सखिया हे
वासुपूज्य के पंच करम
सुधर्मा के मरमिया हे
यही चंपा के भाग जागे सखिया हे
चंदना सुभद्रा सती
महावीर के हटिया हे
यही चंपा के भाग जागे सखिया हे
बुद्ध के शांति संदेश
विशाखा के अनुरगिया हे
यही चंपा के भाग जागे सखिया हे
विक्रमशिला तंत्र विद्या
विशुराउत के गैया हे
यही चंपा के भाग जागे सखिया हे
रेशम के पालक छिकै
आजादी के तिलकिया हे
यही चंपा के भाग जागे सखिया हे
मेंहीं के अमृतवाणी
कवि सिनी के गुणगनिया हे
यही चंपा के भाग जागे सखिया हे
लुका छिपी खेली चंपा
मिले जाह्नवी जी के गलिया हे
यही चंपा के भाग जागे सखिया हे
पता : ग्राम-नवटोलिया, पोस्ट-नारायणपुर, थाना-बिहपुर, जिला- भागलपुर – 853203
संपर्क : 76728 48800