Brain Problem: दिमाग को नुकसान पहुंचा रही आपकी ये आदत, आज से ही करें सुधार

Brain Problem: 22 जुलाई को विश्व मस्तिष्क दिवस मनाया जाता है. दुनिया भर में बढ़ रहे मस्तिष्क विकारों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन काफी चिंतित हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और दिनचर्या में गड़बड़ी समेत कई कारक मस्तिष्क के लिए समस्याएं बढ़ा रहे हैं.

By Bimla Kumari | July 22, 2024 11:02 AM

Brain Problem: मस्तिष्क हमारे शरीर का ‘मास्टर’ अंग है. यह भावनात्मक नियंत्रण के साथ-साथ शरीर के सभी कार्यों के संचालन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आप क्या सोचते हैं, क्या महसूस करते हैं, आप कैसे सीखते और याद रखते हैं, आप कैसे चलते और बात करते हैं, ये सभी चीजें मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित और संचालित होती हैं. उदाहरण के लिए, मस्तिष्क को शरीर का केंद्रीय कंप्यूटर कहा जा सकता है जो शरीर के सभी कार्यों को नियंत्रित करता है.

इससे यह स्पष्ट होता है कि शरीर को स्वस्थ रखने और बेहतर तरीके से काम करते रहने के लिए मस्तिष्क का फिट रहना सबसे जरूरी है. हालांकि, हमारी दिनचर्या में कुछ गलत आदतों और खानपान में गड़बड़ी के कारण कई तरह की मस्तिष्क संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं.

इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए, विभिन्न न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य विषयों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के बारे में शिक्षित करने के लिए हर साल 22 जुलाई को विश्व मस्तिष्क दिवस मनाया जाता है.

also read: Double chin: किन कारणों से होता है डबल चिन, इन आसान तरीकों से करें कम

मस्तिष्क विकारों का बढ़ता जोखिम

दुनिया भर में बढ़ रहे मस्तिष्क विकारों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन काफी चिंतित हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और दिनचर्या में गड़बड़ी समेत कई कारक मस्तिष्क के लिए समस्याएं बढ़ा रहे हैं. बढ़ते तापमान, प्रदूषण जैसे पर्यावरणीय कारकों और धूम्रपान जैसी आदतों, शारीरिक निष्क्रियता, स्ट्रोक, माइग्रेन, मिर्गी, मल्टीपल स्केलेरोसिस, सिज़ोफ्रेनिया, अल्जाइमर रोग और पार्किंसंस जैसी समस्याओं के कारण अब पहले की तुलना में बहुत अधिक आम हो गए हैं. यहां तक कि कम उम्र के लोग भी अब इन बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.

also read: Roasted Gram: 2 मिनट में दो चीजों से घर पर तैयार करें भुना चना, जानें इसके खाने के फायदे

आइए जानते हैं कि हमारी कौन सी आदतें मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा रही हैं और किन आदतों में तुरंत सुधार की आवश्यकता है-

ज़्यादा बैठना हानिकारक है

जॉन्स हॉपकिंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, औसत वयस्क दिन में साढ़े छह घंटे बैठता है और कुर्सी पर बैठकर बिताया गया यह सारा समय मस्तिष्क पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है. वर्ष 2018 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि बहुत अधिक समय तक बैठने की आदत मस्तिष्क के उस हिस्से में बदलाव लाती है जो याददाश्त के लिए ज़रूरी है.

शोधकर्ताओं ने 45 से 75 वर्ष की आयु के कुछ प्रतिभागियों के एमआरआई में पाया कि लंबे समय तक बैठे रहने वाले लोगों के मस्तिष्क का मीडियल टेम्पोरल लोब (एमटीएल) बहुत पतला हो गया था. एमटीएल मस्तिष्क का वह हिस्सा है जो नई यादें बनाता है. यह परिवर्तन संज्ञानात्मक गिरावट और मनोभ्रंश के जोखिम को बढ़ा सकता है.

Next Article

Exit mobile version