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Breast Cancer: क्या कम उम्र वालों को भी हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर, जानें इससे जुड़ी खास बाते

Breast Cancer: क्या 20-30 की उम्र के लोगों को भी इसका खतरा हो सकता है. ऐसे कौन से कारण हैं जो कम उम्र के लोगों में ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं? आइए जानते हैं इस बारे में…

Breast Cancer: ब्रेस्ट कैंसर दुनियाभर में महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है. भारत में भी इसका खतरा तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है. अगर आपको ब्रेस्ट में किसी तरह की गांठ या कुछ असामान्य दिखे तो समय रहते डॉक्टर से इस बारे में सलाह लें. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि आमतौर पर रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन कम उम्र से ही इसके खतरों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है.

सभी महिलाओं को नियमित रूप से अपने ब्रेस्ट की जांच करते रहना चाहिए. अगर आपको ब्रेस्ट में किसी तरह की गांठ या कुछ असामान्य दिखे तो सावधान हो जाएं. हाल ही में अभिनेत्री हिना खान ने बताया कि उन्हें स्टेज तीन ब्रेस्ट कैंसर है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या 20-30 की उम्र के लोगों को भी इसका खतरा हो सकता है. ऐसे कौन से कारण हैं जो कम उम्र के लोगों में ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं? आइए जानते हैं इस बारे में…

नियमित जांच जरूरी


अमेरिकन कैंसर एसोसिएशन सभी महिलाओं को कैंसर के लिए नियमित रूप से खुद की जांच करने और मैमोग्राम जांच कराने की सलाह देता है. अगर आपको लगता है कि ब्रेस्ट कैंसर होने के लिए आप बहुत छोटी हैं, तो आपको यहां सावधान रहने की जरूरत है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि 20-30 आयु वर्ग की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले दुर्लभ हैं, लेकिन जिस तरह से जीवनशैली और खान-पान की आदतें बदल रही हैं, उसके खतरों को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ? येल मेडिसिन की रेडियोलॉजिस्ट और ब्रेस्ट इमेजिंग विशेषज्ञ डॉ. लीवा आंद्रेजेवा-राइट कहती हैं, 20 वर्ष और उससे कम उम्र की महिलाओं में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं.

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कुछ प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर कम उम्र की महिलाओं में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. हालांकि आमतौर पर महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का निदान रजोनिवृत्ति के बाद होता है, लेकिन हमें कम उम्र से ही इसके खतरों के बारे में सतर्क रहने की जरूरत है. डॉ. लीवा कहती हैं कि मैंने 20 साल की उम्र की महिलाओं में भी ब्रेस्ट कैंसर का निदान किया है.

11% मामले 45 वर्ष से कम आयु में


रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, स्तन कैंसर के लगभग 11% मामले 45 वर्ष से कम आयु की महिलाओं में सामने आते हैं. हर साल 40 वर्ष से कम आयु की 1,000 से अधिक महिलाएं स्तन कैंसर से मरती हैं. अगर समय रहते कैंसर का पता चल जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है और मरीज के बचने की संभावना बढ़ सकती है.

येल मेडिसिन के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. आंद्रेजेवा-राइट का कहना है कि आपको किस उम्र में मैमोग्राम शुरू करवाना चाहिए, इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. अगर आपको स्तन में किसी तरह का बदलाव दिखे या गांठ दिखे तो डॉक्टर को बताएं. समय रहते क्लीनिकल जांच और इमेजिंग से कैंसर के खतरे का पता लगाने में मदद मिल सकती है.

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कम उम्र में कैंसर बढ़ने के क्या कारण हैं?


स्तन कैंसर तब होता है जब स्तन में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं. ऐसा अक्सर कोशिकाओं में डीएनए में बदलाव के कारण होता है. हालांकि ऐसा क्यों होता है इसका सटीक कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि हार्मोन, पर्यावरणीय कारक और आनुवंशिकी जैसी स्थितियां इसके जोखिम को बढ़ा सकती हैं. लगभग 5% से 10% स्तन कैंसर वंशानुगत जीन उत्परिवर्तन से जुड़े होते हैं. इसके अलावा कुछ आदतें भी इसके जोखिम को बढ़ा सकती हैं. शारीरिक रूप से सक्रिय न होना. रजोनिवृत्ति के बाद मोटापा या अधिक वजन होना. 5 साल से अधिक समय तक हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी लेना. बच्चे को स्तनपान न कराना. शराब-धूम्रपान की समस्या. रात को देर से सोने से हार्मोनल परिवर्तन हो सकते हैं.

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