Buddha purnima 2022: गौतम बुद्ध, जिन्हें सिद्धार्थ बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है, एक तपस्वी थे जिन्होंने अपने गहन आध्यात्मिक ज्ञान के साथ छठे और चौथे ईसा पूर्व में हजारों लोगों के जीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया था. बुद्ध शब्द का अर्थ होता है प्रबुद्ध या जाग्रत. बुद्ध की शिक्षाएं सार्वभौमिक हैं. उनकी शिक्षाओं में लोगों को वास्तविकता से जगाने और उन्हें आत्मनिरीक्षण करने की ताकत है. जानें भगवान बुद्ध के उन उपदेशों के बारे में जो जीवन जीने, त्याग करने और किसी भी तरह की हिंसा न करने की सीख देते हैं…
एक निष्ठाहीन और बुरे दोस्त से जानवरों की अपेक्षा ज्यादा भयभीत होना चाहिए,
क्यूंकि एक जंगली जानवर सिर्फ आपके शरीर को घाव दे सकता है,
लेकिन एक बुरा दोस्त आपके दिमाग में घाव कर जाएगा”
-गौतम बुद्ध
आपके पास जो कुछ भी है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए और ना ही दूसरों से ईर्ष्या कीजिए.
बुराई से बुराई कभी खत्म नहीं होती. घृणा को तो केवल प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है, यह एक अटूट सत्य है.
जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता.
क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के सामान है, इसमें आप ही जलते हैं.
इंसान की बुराई होनी चाहिए ताकि अच्छाई उसके ऊपर अपनी पवित्रता साबित कर सके.
क्रोध में हजारों शब्दों को गलत बोलने से अच्छा, मौन वह एक शब्द है जो जीवन में शांति लाता है.
मनुष्य का दिमाग ही सब कुछ है, जो वह सोचता है वही वह बनता है.
सत्य के रस्ते पर कोई दो ही गलतियां कर सकता है, या तो वह पूरा सफर तय नहीं करता या सफर की शुरुआत ही नहीं करता.
हजारों दीयों को एक ही दीए से, बिना उसके प्रकाश को कम किये जलाया जा सकता है. खुशी बांटने से खुशी कभी कम नहीं होती.
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तीन चीजों को लम्बी अवधि तक छुपाया नहीं जा सकता, सूर्य, चन्द्रमा और सत्य.