साल 2021 लगभग आखिरी पड़ाव पर है. साल 2022 की शुरुआत जल्दी होने वाली है. नए साल के शुरू होने से पहले ही लोगों को नए तीज-त्योहारों की तारीख जानने की जिज्ञासा होने लगती है. आप भी ऐसे लोगों में हैं तो जानें साल 2022 के मुख्य त्योहारों की तिथियां.
जनवरी
पौष पुत्रदा एकादशी
तिथि- 13 जनवरी
महत्व- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन संतान प्राप्ति के लिए व्रत रखने की परंपरा है.
शुभ मुहूर्त- 13 जनवरी को सुबह 7:15 से 14 जनवरी को सुबह 9:21 तक
पोंगल एवं मकर संक्रांति
14 जनवरी
महत्व- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं.
शुभ मुहूर्त- दोपहर 14:12 बजे से शाम 17:45 बजे तक
षटतिला एकादशी
तिथि- 28 जनवरी
महत्व- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन तिल के पानी से स्नान करने की परंपरा है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन तिल का 6 प्रकार से प्रयोग करना चाहिए और दान भी करना चाहिए इससे पापों नष्ट हो जाते हैं.
शुभ मुहूर्त- 28 जनवरी सुबह 7:11 बजे से 29 जनवरी को सुबह 09:20 बजे तक
फरवरी
बसंत पंचमी
तिथि- 5 फरवरी
महत्व- इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है और इसी दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है.
शुभ मुहूर्त- सुबह 07:07 से दोपहर 12:35:19 तक
जया एकादशी
तिथि- 12 फरवरी
महत्व- जया एकादशी पर व्रत रखने से व्यक्ति को भूत-प्रेत, पिशाच जैसी योनियों में जाने का भय खत्म हो जाता है.
शुभ मुहूर्त- 12 फरवरी को सुबह 7:01 से 13 फरवरी सुबह 9:13 तक
विजया एकादशी
तिथि- 27 फरवरी
महत्व- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत रखा जाता है और ब्राह्मणों को भोजन एवं कलश का दान करना शुभ माना गया है.
शुभ मुहूर्त- 27 फरवरी सुबह 6:47 से लेकर 28 फरवरी सुबह 9:06 तक है.
मार्च
महाशिवरात्रि
तिथि- 1 मार्च
महत्व- महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन शिव-पार्वती विवाह उत्सव मनाया जाता है.
शुभ मुहूर्त- 23:08 से 2 मार्च सुबह 6:00 बजे तक
आमलकी एकादशी
तिथि- 14 मार्च
महत्व- आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय होता है. इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है.
शुभ मुहूर्त- सुबह 6:31 से 15 मार्च सुबह 8:55 तक
होलिका दहन
तिथि- 17 मार्च
महत्व- इस दिन विष्णु भगवान ने प्रह्लाद को बचाने के लिए नरसिंह का रूप धारण किया था और राजा हिरण्यकश्यप का वध किया था.
शुभ मुहूर्त- रात 21:20 से रात 22:31 तक
पापमोचनी एकादशी
तिथि- 28 मार्च
महत्व- इस दिन भगवान विष्णु का व्रत करने से सारे पाप कट जाते हैं.
शुभ मुहूर्त- सुबह 6:15 से 29 मार्च सुबह 8:43 तक
अप्रैल
चैत्र नवरात्रि
तिथि- 2 अप्रैल से 10 अप्रैल तक
महत्व- चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है.
घटस्थापना मुहूर्त- 06:10 से 08:29 तक
रामनवमी
तिथि- 10 अप्रैल
महत्व- रामनवमी के दिन भगवान विष्णु के 7 वें अवतार भगवान राम का जन्म हुआ था.
शुभ मुहूर्त- 11:06 से 13:39 तक
कामदा एकादशी
तिथि- 12 अप्रैल
महत्व- कामदा एकादशी के दिन भगवान वासुदेव का पूजन किया जाता है. इस दिन व्रत रखने पर सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं.
शुभ मुहूर्त- दोपहर 13:38 से 13 अप्रैल शाम 6:12 तक
हनुमान जयंती
तिथि- 16 अप्रैल
महत्व- हनुमान जयंती भगवान हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है।
शुभ मुहूर्त- सुबह 2:27 से 17 अप्रैल रात 00:26 तक
मई
अक्षय तृतीया
तिथि- 3 मई
महत्व- इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और सोना खरीदने के लिए यह दिन शुभ माना जाता है.
शुभ मुहूर्त- 05:39 से 12:18 तक
मोहिनी एकादशी
तिथि- 12 मई
महत्व- इस तिथि को भगवान विष्णु की पूजा करने वाला मोह माया के जंजाल से निकलकर मोक्ष प्राप्त करता है.
शुभ मुहूर्त- सुबह 5:31 से 13 मई सुबह 8:14 तक
अपरा एकादशी
तिथि- 26 मई
महत्व- इस दिन को अजला और अपरा दोनों एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन गंगाजल से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.
शुभ मुहूर्त- सुबह 5:25 से 27 मई सुबह 8:10 तक
जून
निर्जला एकादशी
तिथि- 11 जून
महत्व- इस व्रत को करने से दीर्घायु और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
शुभ मुहूर्त- सुबह 5:22 से 12 जून सुबह 8:09 तक
जुलाई
देवशयनी एकादशी
तिथि- 10 जुलाई
महत्व- इस दिन से भगवान विष्णु अगले चार मास के लिए क्षीरसागर में शयन करते हैं.
शुभ मुहूर्त- सुबह 5:30 से 11 जुलाई सुबह 8:17 तक
गुरु-पूर्णिमा
तिथि- 13 जुलाई
महत्व- इस दिन गुरु की पूजा की जाती है.
शुभ मुहूर्त- सुबह 4:01 से 14 जुलाई रात 00:08 तक
हरियाली तीज
तिथि- 31 जुलाई
महत्व- भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में यह उत्सव मनाया जाता है.
शुभ मुहूर्त- सुबह 3:01:48 से 1 अगस्त सुबह 4:20 तक
अगस्त
नाग पंचमी
तिथि- 2 अगस्त
महत्व- इस दिन नागों की पूजा करने की परंपरा है.
शुभ मुहूर्त- सुबह 5:42 से सुबह 8:24 तक
रक्षा बंधन
तिथि- 11 अगस्त
महत्व- यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का उत्सव है. इन दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं.
शुभ मुहूर्त- 20:52 से 21:13 तक
कजरी तीज
तिथि- 14 अगस्त
महत्व- वैवाहिक जीवन की सुख और समृद्धि के लिए इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं.
शुभ मुहूर्त- 00:55 से 22:37 तक
जन्माष्टमी
तिथि- 19 अगस्त
महत्व- इस दिन ही श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था.
शुभ मुहूर्त- 00:03 से 00:46 तक
हरतालिका तीज
तिथि- 30 अगस्त
महत्व- इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है.
शुभ मुहूर्त- 5:57 से 8:31 तक
गणेश चतुर्थी
तिथि- 31 अगस्त
महत्व- इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना कर पूजा की जाती है.
शुभ मुहूर्त- सुबह 11:04 से दोपहर 13:37 तक
सितंबर
अनंत चतुर्दशी
तिथि- 9 सितंबर
महत्व- इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है.
शुभ मुहूर्त- 6:02 से 18:09 तक
इन्दिरा एकादशी
तिथि- 21 सितंबर
महत्व- मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने वाले मनुष्य की सात पीढ़ियों तक के पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
शुभ मुहूर्त- 6:09 से 22 सितंबर 8:34 तक
शरद नवरात्रि
तिथि- 26 सितंबर
महत्व- शरद नवरात्रि में मां दुर्गा अपने मायके रहने आती हैं.
घटस्थापना मुहूर्त : 6:11 से 7:51 तक
अक्टूबर
दशहरा
तिथि- 5 अक्टूबर
महत्व- इसी दिन भगवान राम ने रावण का संहार किया था.
शुभ मुहूर्त-14:07 से 14:54 तक
पापांकुशा एकादशी
तिथि- 6 अक्टूबर
महत्व- इस दिन मौन रहकर भगवद्गीता पढ़ने का खास महत्व है.
शुभ मुहूर्त- 6:16 से 7 अक्टूबर 8:37तक
रमा एकादशी
तिथि- 21 अक्टूबर
महत्व- इस एकादशी को लक्ष्मी जी के नाम पर रमा एकादशी कहा जाता है.
शुभ मुहूर्त- 6:25 से 22 अक्टूबर 8:41 तक
धनतेरस
तिथि- 23 अक्टूबर
महत्व- माना जाता है कि इस दिन धन्वंतरि देवता समुद्र मंथन से अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे. धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है.
शुभ मुहूर्त-17:44 से 18:05 तक
दिवाली
तिथि- 24 अक्टूबर
महत्व- दीपावली को दीप उत्सव भी कहा जाता है. इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
शुभ मुहूर्त- 18:54 से 20:16 तक
छठ पूजा
तिथि- 30 अक्टूबर
महत्व- इसे दिन को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है और इसमें सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है.
शुभ मुहूर्त- 30 अक्टूबर सूर्यास्त का समय:17:37
31 अक्टूबर सूर्योदय का समय : 6:31
नवंबर
देवउठनी एकादशी
तिथि- 4 नवंबर
महत्व- देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में 4 माह शयन के बाद जागते हैं.
शुभ मुहूर्त- 6:35 से 5 नवंबर 8:47 तक
कार्तिक पूर्णिमा
तिथि- 8 नवंबर
महत्व- इस दिन महादेव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का संहार किया था.
शुभ मुहूर्त- 16:18 से 8 नवंबर 16:34 तक
उत्पन्ना एकादशी
तिथि- 20 नवंबर
महत्व- मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है. दिन माता एकादशी ने राक्षस मुर का संहार किया था.
शुभ मुहूर्त- 6:48 से 21 नवंबर 8:55 तक
दिसंबर
सफला एकादशी
तिथि- 19 दिसंबर
महत्व- यह एकादशी का व्रत करने वालों केे सभी कार्य सफल हो जाते हैं, इसलिए इसे सफला एकादशी कहा जाता है.
शुभ मुहूर्त- 7:08 से 20 दिसंबर 9:12 तक