Calendar Direction According to Vastu: वास्तु के अनुसार कैलेंडर दिशा? हम सभी ने अपने बचपन में घर में नए साल के आगमन पर कैलेंडर को बदलते जरूर देखा होगा. हर साल घर में एक नया कैलेंडर जरूर आता है. वास्तु शास्त्र में पुराने कैलेंडर की जगह नए साल का कैलेंडर होना बहुत ही शुभ माना जाता है. वास्तु के अनुसार पुराने कैलेंडर से सभी प्रकार के वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं. घर में पुराने कैलेंडर टांगने से घर में सुख-समृद्धि और तरक्की में रुकावटें आती हैं. इसी वजह से हर साल नए साल के आगमन पर पुराने कैलेंडर की जगह नए कैलेंडर का इस्तेमाल करना चाहिए. आइए जानते हैं वास्तु शास्त्र में दीवारों पर नए कैलेंडर टांगने से क्या-क्या फायदे मिलते हैं.
वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा को सबसे शुभ और उत्तम फलदायी दिशा माना गया है क्योंकि इस दिशा में देवताओं का वास होता है. इसके साथ ही पूर्व दिशा सूर्य देव की दिशा है जो स्वाभिमान, ऊर्जा, नेतृत्व और प्रसिद्धि का प्रतीक है. ऐसे में भगवान सूर्य से जुड़े कैलेंडर को पूर्व दिशा की दीवारों पर लगाना शुभ होता है.
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भगवान का कैलेंडर उत्तर, पश्चिम और पूर्व की दीवारों पर लगाना शुभ माना जाता है, लेकिन ध्यान रहे कि कैलेंडर में हिंसक जानवर और नकारात्मक चित्र नहीं होने चाहिए.
वास्तु शास्त्र में उत्तर दिशा को कुबेर की दिशा माना गया है. ऐसे में उत्तर दिशा की दीवारों पर देवी लक्ष्मी और कुबेर देव की तस्वीरों के अलावा हरियाली और प्रकृति से जुड़ी तस्वीरें लगाना बेहतर होता है.
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दक्षिण दिशा को वास्तु में रुकावट और ठहराव की दिशा माना गया है, ऐसे में इस दिशा में कैलेंडर नहीं रखना चाहिए.
कैलेंडर को घर के किसी भी दरवाजे के आगे या पीछे नहीं लगाना चाहिए. ऐसा करना परिवार की उम्र के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. इसके अलावा अक्सर कुछ लोग नए कैलेंडर को पुराने कैलेंडर के ऊपर रख देते हैं क्योंकि उन्हें पुराने कैलेंडर से भावनात्मक लगाव हो जाता है. इसलिए वह इसे नहीं हटाते, वास्तु के अनुसार पुराने कैलेंडर लगाने से अशुभता का संचार होता है.
(Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. prabhatkhabar.com इनकी पुष्टि नहीं करता है. हमारी सलाह है कि इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क कर लें.)