स्नो लेपर्ड ब्रिगेड की कैप्टन गीतिका कौल ने रचा इतिहास. दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनात होने वाली भारतीय सेना की पहली महिला चिकित्सा अधिकारी बनी है. यह मील का पत्थर कैप्टन कौल द्वारा प्रतिष्ठित सियाचिन बैटल स्कूल में कठोर इंडक्शन प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद आया है.
कठिन परीक्षण से गुजरी हैं कैप्टन गीतिका कौल
प्रेरण प्रशिक्षण, जिसे शारीरिक और मानसिक सहनशक्ति का एक कठिन परीक्षण माना जाता है, इसमें उच्च ऊंचाई अनुकूलन, अस्तित्व तकनीक और कठोर परिस्थितियों में संचालन के लिए महत्वपूर्ण विशेष चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है.
सेशल मीडिया के पोस्ट के जरिए बताया
भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट. कहा, “स्नो लेपर्ड ब्रिगेड की कैप्टन गीतिका कौल सियाचिन बैटल स्कूल में सफलतापूर्वक इंडक्शन ट्रेनिंग पूरी करने के बाद दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनात होने वाली भारतीय सेना की पहली महिला चिकित्सा अधिकारी बन गई हैं.”
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लैंगिक समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
हिमालय के उत्तरी भाग में स्थित सियाचिन न केवल अपने सामरिक महत्व के लिए बल्कि अपनी प्रतिकूल जलवायु और चुनौतीपूर्ण इलाके के लिए भी जाना जाता है. इस चरम युद्धक्षेत्र में पहली महिला चिकित्सा अधिकारी के रूप में कैप्टन गीतिका कौल की तैनाती भारतीय सेना के भीतर लैंगिक समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
बीएसएनएल ने किया था ये काम
यहां बता दें कि अक्टूबर में, भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने 15,500 फीट से अधिक ऊंचाई पर तैनात सैनिकों के लिए मोबाइल संचार का विस्तार करने के लिए सियाचिन ग्लेशियर में एक नया बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) चालू किया.
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने की घोषणा
फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ने एक्स पर घोषणा की, “बीएसएनएल के सहयोग से सियाचिन वॉरियर्स ने 15,500 फीट से अधिक ऊंचाई पर तैनात सैनिकों के लिए मोबाइल संचार का विस्तार करने के लिए 6 अक्टूबर को सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र की अग्रिम चौकियों पर पहली बार बीएसएनएल बीटीएस की स्थापना की.”
परिवार से जुड़े रहेंगे सैनिक
सैनिक अब सबसे ठंडे और सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में कर्तव्य निभाते हुए, अपनी ऊंचाई वाली चौकियों से अपने परिवारों से जुड़े रहेंगे.