Chanakya Niti: चाणक्य एक महान विद्वान थे. उनकी नीतियों को आज भी लोग बहुत मानते हैं. खासकर धन की देवी लक्ष्मी को लेकर उनकी बातें काफी प्रचलित हैं. लक्ष्मी, जो धन और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं, हर घर में नहीं टिकती. चाणक्य नीति में उन घरों का जिक्र किया गया है, जहां लक्ष्मी का वास नहीं होता. आइए जानते हैं ऐसे घरों के बारे में, जहां धन की देवी कदम नहीं रखती और क्यों नहीं रखती.
अस्वच्छता और गंदगी वाले घर
लक्ष्मी साफ-सफाई पसंद करती हैं. जिन घरों में गंदगी होती है, वहां धन नहीं टिकता. चाणक्य कहते हैं कि जिस घर में नियमित सफाई नहीं होती, वहां दरिद्रता आती है. इसलिए अगर घर में लक्ष्मी को बनाए रखना है, तो सफाई पर ध्यान देना जरूरी है.
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असंतोष और कलहपूर्ण घर
जहां घर के सदस्य हमेशा लड़ते-झगड़ते रहते हैं, वहां लक्ष्मी नहीं टिकती. चाणक्य के अनुसार, जहां शांति और प्रेम का माहौल होता है, वहां धन भी आता है. जिस घर में कलह और नकारात्मक ऊर्जा होती है, वहां लक्ष्मी नहीं टिक पातीं. इसलिए परिवार में प्रेम और समझदारी का होना जरूरी है.
अत्यधिक आलस्य
लक्ष्मी उन लोगों पर मेहरबान रहती हैं जो मेहनती होते हैं. आलसी व्यक्ति के घर में लक्ष्मी नहीं ठहरती. अगर आप अपनी मेहनत से कमाई करते हैं और समय पर काम करते हैं, तो लक्ष्मी आपसे खुश रहती हैं. लेकिन जो लोग आलसी होते हैं और काम से जी चुराते हैं, उनके पास पैसा नहीं टिकता
अधर्मी घर
चाणक्य के अनुसार, जहां धर्म और सदाचार का पालन नहीं होता, वहां लक्ष्मी नहीं टिकती. अगर घर में चोरी, झूठ और धोखाधड़ी जैसी बुरी आदतें हैं, तो लक्ष्मी दूर रहती हैं. सत्य, ईमानदारी और धर्म के मार्ग पर चलने वाले घरों में ही लक्ष्मी आती हैं.
फिजूलखर्ची और अंधाधुंध खर्च
जो लोग पैसे का सही इस्तेमाल नहीं करते और फिजूलखर्ची में लगे रहते हैं, उनका धन जल्दी खत्म हो जाता है. चाणक्य नीति कहती है कि पैसे का सही प्रबंधन बहुत जरूरी है. जो लोग सोच-समझकर खर्च करते हैं, उनके पास धन की कमी नहीं होती. वहीं, जो लोग बिना सोचे समझे खर्च करते हैं, वहां लक्ष्मी ठहर नहीं पातीं.
अपमान और अनादर करने वाला घर
लक्ष्मी उस घर में नहीं टिकती जहां महिलाओं, बुजुर्गों या बच्चों का अपमान होता है. चाणक्य का मानना है कि जहां घर के सदस्य एक-दूसरे की इज्जत नहीं करते, वहां समृद्धि नहीं आती. इसीलिए हर सदस्य का सम्मान जरूरी है.
अतिथियों का अपमान करने वाला घर
चाणक्य नीति के अनुसार, अतिथि को देवता माना जाता है. अगर किसी घर में आने वाले मेहमानों का स्वागत नहीं होता, उनका अपमान किया जाता है, तो वहां लक्ष्मी नहीं टिकती. इसलिए अतिथियों का सत्कार करना बहुत जरूरी है.
जहां विद्या और ज्ञान का अभाव हो
चाणक्य कहते हैं कि जिस घर में शिक्षा और ज्ञान का महत्व नहीं होता, वहां लक्ष्मी नहीं आती. विद्या और ज्ञान से ही व्यक्ति प्रगति करता है और धन कमाता है. इसलिए शिक्षा का महत्व समझें और अपने घर में ज्ञान का वातावरण बनाए रखें.
क्रोधी और अहंकारी लोग
जहां लोग क्रोधी और अहंकारी होते हैं, वहां लक्ष्मी नहीं टिकती. चाणक्य के अनुसार, विनम्रता और धैर्य ही सच्चे गुण हैं. जिस घर में लोग शांत, समझदार और विनम्र होते हैं, वहां लक्ष्मी आती हैं. लेकिन जहां लोग क्रोध और अहंकार में डूबे रहते हैं, वहां दरिद्रता आती है.
जहां भगवान की पूजा न हो
चाणक्य नीति के अनुसार, जहां घर में नियमित रूप से पूजा-पाठ नहीं होता, वहां लक्ष्मी नहीं टिकतीं. धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल वाले घरों में समृद्धि आती है. देवी-देवताओं की पूजा करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि धन भी आता है.
चाणक्य नीति के अनुसार, लक्ष्मी किन घरों में नहीं रहतीं?
चाणक्य नीति के अनुसार, लक्ष्मी उन घरों में नहीं रहतीं जहां गंदगी, कलह, अलस्य और अधर्म होता है. ऐसे घरों में धन की देवी दूर रहती हैं क्योंकि लक्ष्मी को स्वतंत्रता, शांति, परिश्रम और धर्म पसंद है.