Chanakya Niti: सफलता पाने के लिए विद्यार्थी करें इन चीजों का त्याग

Chanakya Niti: इस लेख में हम आपको यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि आचार्य चाणक्य के अनुसार एक विद्यार्थी को कैसा होना चाहिए यानि अपने जीवन में सफल होने के लिए विद्यार्थियों को किन चीजों का त्याग करना चाहिए.

By Tanvi | August 14, 2024 9:14 PM
an image

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने मनुष्यों को सही रास्ता दिखाने के लिए अपनी नीतियों में कई ऐसी बातों का जिक्र किया है, जिनके बारे में उनका मानना है कि ये बातें व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाती हैं साथ ही उन्होंने अपनी नीतियों में ऐसी कई बातें भी बताई हैं, जिनका त्याग व्यक्ति को समय रहते ही कर देना चाहिए. अपनी इन्हीं सटीक बातों और सुझावों के लिए आचार्य चाणक्य की लोकप्रियता काफी अधिक है. आज भी कई व्यक्ति ऐसे हैं जो अपने जीवन के मूल्यों की प्रेरणा चाणक्य नीति से ही लेते हैं. चाणक्य नीति में कई जटिल सवालों का उत्तर बहुत ही साफ और सटीक तरीके से दिया हुआ है, जो लोगों को काफी पसंद आता है. इस लेख में हम आपको यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि आचार्य चाणक्य के अनुसार एक विद्यार्थी को कैसा होना चाहिए यानि अपने जीवन में सफल होने के लिए विद्यार्थियों को किन चीजों का त्याग करना चाहिए.

शरीर का शृंगार

आचार्य चाणक्य का मानना है कि अगर किसी विद्यार्थियों को सफलता प्राप्त करनी है तो उसे अपने शरीर को स्वच्छ तो रखना ही चाहिए, लेकिन शरीर के शृंगार पर ज्यादा समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए, क्योंकि विद्यार्थियों के जीवन में शृंगार का कोई महत्व नहीं होता है. विद्यार्थियों को हमेशा अपनी बौद्धिक शक्ति बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए, केवल ऐसा करके ही वह अपने जीवन में सफल हो सकता है.

Also read: Monsoon Special Recipe: बरसात के मौसम में जरूर बनाएं चना जोर गर्म, यहां देखे रेसिपी

Also read: Independence Day 2024: इस 15 अगस्त ट्राइ करें ये आउट्फिट स्टाइल

Also read: Personality Test: जानिए कैसा होता है हल्के रंग पसंद करने वालों का व्यक्तिव

स्वादिष्ट भोजन की इच्छा

आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर विद्यार्थियों को सफलता चाहिए तो उन्हें अपने मन में आने वाली स्वादिष्ट भोजन की इच्छा को खत्म करना होगा. विद्यार्थियों को भोजन को केवल एक ईंधन के रूप में देखना चाहिए जो उनके शरीर को चलाने के लिए आवश्यक है. हर समय अच्छे भोजन की सोच में डूबे रहने से विद्यार्थियों का केवल वक्त बर्बाद होता है और उन्हें कुछ प्राप्त नहीं होता है.

अधिक निंद्रा

आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में कहा है कि विद्यार्थियों को सफल होने के लिए अपनी नींद का त्याग करना चाहिए. उन्हें शरीर के लिए जितना आराम आवश्यक है उतना आराम ही करना चाहिए. अधिक आराम की चाह विद्यार्थियों को आलसी बना देती है, जिससे उनका लक्ष्य उनसे काफी दूर हो जाता है.

Also read: Skin Care Tips: जानिए क्या है चेहरे पर नारियल तेल लगाने के फायदे

Trending Video

Exit mobile version