Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को अपनी नीतियों के लिए बहुत लोकप्रिय माना जाता है, ऐसा इसलिए है क्योंकि आचार्य चाणक्य की नीतियों में लोगों को अपने जटिल से जटिल सवालों का आसान उत्तर मिल जाता है. कई लोग आचार्य चाणक्य की नीतियों से ही अपने जीवन की प्रेरणा लेते हैं और अपने जीवन में आगे बढ़ते हैं. अपने नीति शास्त्र के शुरुआत में ही चाणक्य ने यह बताया है कि उनकी नीतियों में जीवन के सारे अनुभवों का सार छिपा हुआ है, जो भी इन बातों को अच्छे से समझ जाएगा, उसे जीवन में किसी भी प्रकार के ज्ञान की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. इस लेख में आपको यह बताया जा रहा है कि आचार्य चाणक्य के अनुसार वैसे कौन-से गुण हैं, जो नरक में रहने वाले और धरती पर रहने वाले लोगों में समान रूप से पाए जाते हैं.
बहुत ज्यादा गुस्सा
आचार्य चाणक्य का मानना है कि वैसे लोग जिन्हें बहुत अधिक गुस्सा आता है, उनका व्यक्तित्व और नरक में रहने वाले लोगों का व्यक्तित्व एक समान ही होता है. जिस व्यक्ति को गुस्सा बहुत अधिक आता है, वह हमेशा अपने गुस्से की आग में जलता रहता है. गुस्सा एक इंसान से वो सब करा सकता है, जो उसे आसानी से परेशानी में डालने के लिए काफी होता है.
कठोर बातें
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में इस बात का जिक्र भी किया है कि जो लोग सबसे कठोर बातें करते हैं, उनका जीवन भी धरती पर रहते हुए नरक में रहने वाले लोगों के समान ही होता है, क्योंकि जो लोग कठोर बातें करते हैं, उनसे कोई भी व्यक्ति संबंध नहीं रखना चाहता है और ऐसे व्यक्ति का जीवन धरती पर रह कर भी नरक के समान ही होता है.
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अपने संबंधियों से शत्रुता
जब व्यक्ति परेशानी में होता है, तो सबसे पहले उसके परिवार वाले और संबंधी ही मदद करने के लिए आगे आते हैं, ऐसे में अगर कोई व्यक्ति अपने संबंधियों से ही शत्रुता कर लेता है, तो वह अपने जीवन में और अपने सुख-दुख में खुद को हमेशा अकेला पाता है. आचार्य चाणक्य का मानना है कि ऐसे व्यक्ति का जीवन भी धरती पर रह कर नरक के समान ही होता है.