Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को अपनी बुद्धिमानी और नीतियों के लिए बहुत लोकप्रियता मिलती है. आचार्य चाणक्य की गिनती भारत के बहुत बुद्धिमान लोगों में होती है, क्योंकि उन्होंने जितनी बारीकी से मनुष्य के जीवन को देखा और उसका विश्लेषण किया है, ऐसा शायद ही कोई कर पाए. आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र में कई ऐसे जटिल सवालों का उत्तर मनुष्य को आसानी से मिल जाता है, जिसका अगर वो खुद के प्रयास से उत्तर खोजना चाहे, तो शायद उसका जीवन ही कम पड़ जाए. चाणक्य ने अपनी नीतियों में मनुष्य को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इन सभी बातों का बहुत साफ-साफ उत्तर दिया है. जिससे कई मनुष्यों को अपना जीवन सही प्रकार से जीने का तरीका पता चलता है. इस लेख में आपको यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि आचार्य चाणक्य के अनुसार कैसे मनुष्यों को खुद पर कभी-भी घमंड नहीं करना चाहिए.
परोपकारी
आचार्य चाणक्य का मानना है कि ये दुनिया बहुत बड़ी है, जिसमें कई रत्न छुपे हुए हैं, इसलिए खुद को जिन रत्नों को हम देख पा रहे हैं, उनमें सर्वश्रेष्ठ समझना सबसे बड़ी मूर्खता है, इसलिए किसी भी परोपकारी व्यक्ति को यह नहीं सोचना चाहिए कि वो सबसे बड़ा परोपकारी है क्योंकि उससे भी ज्यादा परोपकार करने वाला व्यक्ति कहीं ना कहीं जरूर मौजूद होगा.
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शास्त्र का ज्ञान रखने वाले
आचार्य चाणक्य के अनुसार शास्त्र का ज्ञान रखने वाले लोगों को यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि उसके पास जितना ज्ञान है, वो किसी और के पास नहीं है, क्योंकि उसे एहसास भी नहीं होगा कि उससे ज्यादा ज्ञान रखने वाले कितने लोग इस धरती पर मौजूद है.
विनम्र व्यक्ति
आचार्य चाणक्य का मानना है कि हमेशा विनम्र रहने वाले व्यक्ति को भी यह कभी नहीं समझना चाहिए कि उसके समान कोई विनम्र व्यक्ति नहीं है, क्योंकि इस धरती पर कई ऐसे लोग रह रहे हैं, जिनकी विनम्रता किसी व्यक्ति के कल्पना से भी अधिक है.
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