Chandra Grahan 2022: साल का आखिरी चंद्रग्रहण 8 नवंबर यानी आज पड़ रहा है. इस दौरान बहुत से काम ना करने की मनाही होती है. चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं समेत आम आदमी को जिन नियमों का खास ख्याल रखना चाहिए, आइए जानें चंद्रग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं के लिए क्या नियम बताये गए हैं?
ग्रहण काल में रखा खाना न खाएं मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है, जिसके चलते पहले से पका हुआ खाना खाने योग्य नहीं रह जाता है. ऐसे में चंद्रग्रहण से पहले बने हुए भोजन को भूलकर भी गर्भवती महिलाओं को सेवन नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के बाद स्नान करने के बाद किचन की साफ-सफाई करने के बाद ताजा तैयार किए गए भोजन का ही सेवन करना चाहिए.
चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के शरीर पर ग्रहण से छनकर आने वाली रोशनी नहीं पड़नी चाहिए. मान्यता है कि इससे मां और बच्चे दोनों की मानसिक और शारीरिक सेहत पर ग्रहण का दुष्प्रभाव पड़ता है. साथ ही बच्चा अपंग भी हो सकता है. इसलिए कहा गया है कि चंद्रग्रहण के दौरान महिलाओं को घर के अंदर ही रहना चाहिए.
मान्यता के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय किसी भी चीज को नहीं खाना चाहिए. माना जाता है कि ग्रहण के समय भोजन में नकारात्मक ऊर्जा अधिक होती है. ऐसे में इसका सेवन करने से मां के साथ बच्चे पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. लेकिन सेहत पर कोई प्रभान न पड़ने दें. ऐसे में आप इन धार्मिक मान्यताओं को किनारा करके कुछ खा-पी सकती हैं.
ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए. इस दौरान अपने इष्टदेव का ध्यान करें या फिर हनुमान चालीसा या दुर्गा चालीसा का पाठ करें.
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को भूलकर भी सुई, चाकू, कैंची जैसी धारधार चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान इन सभी चीजों का इस्तेमाल करने पर गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर पड़ता है.
चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को सोने से बचना चाहिए. इसके बजाय देवी-देवताओं का मनन करते हुए मंत्रों का जाप करना चाहिए. आप ऊँ नम: शिवाय, गायत्री मंत्र आदि का जाप कर सकती हैं. ऐसा करने से आपके आसपास सकारात्मक ऊर्जा अधिक रहेगी.