Chandra Grahan 2023: साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023, शुक्रवार को लगने जा रहा है. क्योंकि ग्रहण की अवधि में कई प्रकार के शुभ कार्यों पर पाबंदी लग जाती है और ग्रहण का प्रभाव कई राशियों पर पड़ता है. बता दें कि जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है, तब उस खगोलीय घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है. आइए ज्योतिष पंचांग से जानते हैं कि क्या इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव भारत पर भी पड़ेगा और क्या सूतक काल मान्य होगा या नहीं?
साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 को रात 08:45 बजे से 01:00 बजे तक रहेगा. भारत में सूतक काल ग्रहण से करीब 9 घंटे पहले शुरू हो जाएगा. जबकि दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा. इस ग्रहण में भी सूतक काल लागू रहेगा.
जब चंद्र पर पृथ्वी की छाया न पड़कर उपछाया पड़ती है, तो इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है. दरअसर ग्रहण लगने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करता है जिसे चंद्र मालिन्य कहते हैं, इसके बाद चांद पृथ्वी की वास्तविक छाया भूभा में प्रवेश करता है लेकिन कई बार चंद्रमा उपछाया में प्रवेश करके उपछाया शंकु से ही बाहर निकल कर आ जाता है. ऐसे में उपछाया के समय चंद्रमा की रोशनी में हल्का धुंधलापन होता है, चंद्रमा का रंग मटमैला हो जाता है. इसे उपछाया चंद्र ग्रहण करते हैं.
नासा के अनुसार 5 मई 2023 को उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा जो एशियाई, ऑस्ट्रेलियाई और अफ्रीकी देशों में देखा जा सकेगा. वहीं, दूसरी ओर 28 अक्टूबर 2023 को आंशिक चंद्र ग्रहण होगा जो एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा.