Grahan 2023: लगने वाला है साल का दूसरा चंद्र ग्रहण, जानें इसे लेकर दूसरे देशों में क्या है मान्यता

Surya Grahan 2023: साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 14 अक्तूबर 2023 दिन शनिवार को लगने जा रहा है. भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण 14 अक्तूबर को रात के 08 बजकर 34 मिनट से आरंभ हो जाएगा. आज हम आपको यहां बताने जा रहे हैं अलग अलग देशों में ग्रहण को लेकर क्या मान्यता

By Shaurya Punj | October 12, 2023 8:51 AM
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Surya Grahan 2023: शरद पूर्णिमा 28 अक्तूबर को चंद्रग्रहण लगेगा. सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काशी में प्रभावी नहीं होगा. श्री काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने बताया कि पितृमोक्ष अमावस्या के दिन सभी प्रकार के आयोजन होंगे.

लगने वाला सूर्यग्रहण भी

साल 2023 का दूसरा और आखिरी सूर्ग्रयहण 14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार को कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगेगा. यह सूर्य ग्रहण पश्चिमी अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक और आर्कटिक जैसे देशों में देखा जा सकेगा. साल का अंतिम सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा और इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा, जिसके कारण भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा.

आज हम आपको यहां बताने जा रहे हैं अलग अलग देशों में ग्रहण को लेकर क्या मान्यता

चीन

चीन के लोग मानते हैं कि जब ड्रैगन सूर्य को निगल लेता है तो सूर्य ग्रहण की घटना घटती है. सूर्य को ड्रैगन की गिरफ्त से छुड़ाने के लिए चीनी लोगों के देवता झांग जियान ड्रैगन पर तीर चलाते हैं, इसके बाद सूर्य ड्रैगन की पकड़ से छूट पाते हैं और ग्रहण समाप्त होकर स्थिति सामान्य हो जाती है.

इन्का साम्राज्य

इन्का साम्राज्य (अमेरिका में) के लोगों के चंद्र ग्रहण के लिए बहुत ही विचित्र विचार हैं. वे लोग बाकियों की तरह ग्रहण को अच्छा नहीं समझते थे. उनके अनुसार एक तेंदुआ है जो चाँद पर हमला करता है और उसे खाने की कोशिश करता है, इसी कारण से पूरे चंद्र ग्रहण के दौरान चाँद का रंग लाल हो जाता है.

यूनान

यूनानी सभ्यता के लोगों की अपनी एक अलग कहानी है. यूनानी लोगों का मानना है कि जब भगवान लोगों से नाराज हो जाते हैं, तो ग्रहण हो लग जाता है. नाराजगी दूर होने के बाद सूर्य वापस अपनी स्थिति में लौट आते हैं.

बाटामालिबा

बाटामालिबा के लोग (अफ्रीका में) मानते हैं कि चंद्र ग्रहण का मुख्य कारण है सूरज और चाँद के बीच की लड़ाई. उनका मानना है कि लोगों को इस झगड़े को खत्म कराने की कोशिश करनी चाहिए. इसी कारण वहां के लोग इस दौरान पुराने झगड़ों को भुलाने की कोशिश करते हैं. यह परंपरा वहांआज भी जारी है.

वियतनाम

वियतनाम के लोग ग्रहण की घटना को मेंढक से जोड़ते हैं. उनके अनुसार एक बड़ा सा मेंढक जब सूर्य या चंद्रमा को निगल लेता है तब ग्रहण लग जाता है. भगवान जब उस मेंढक को थूकने के लिए कहते हैं, तब वो थूकता है और सूर्य या चंद्रमा जो भी उसकी पकड़ में होता है, वो वापस अपनी स्थिति में आ जाता है. इसी के साथ ग्रहण समाप्त हो जाता है.

जानें कब लगता है ग्रहण

दरअसल पृथ्‍वी सूर्य के चक्‍कर लगाती है और चंद्रमा पृथ्‍वी के चक्‍कर लगाता है. इस कड़ी एक क्षण ऐसा आता है जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है. तीनों के एक सीध में होने के कारण चंद्रमा तक सूर्य की रोशनी नहीं पहुंच पाती और इस स्थिति को चंद्र ग्रहण ​कहा जाता है. वहीं जब चंद्रमा पृथ्‍वी और सूर्य के बीच आता है तो सूर्य की रोशनी पृथ्‍वी तक नहीं पहुंच पाती, ऐसे में सूर्य ग्रहण लगता है.

भारत में नहीं दिखेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण ?

14 अक्तूबर को लगने वाला साल का आखिरी सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, क्योंकि यह सूर्य ग्रहण रात में लगेगा. यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, कनाडा, मैक्सिकों, अर्जेटीना, पेरू, क्यूबा, कोलांबिया और ब्राजील में देखा जा सकेगा.

कहां कहां दिखाई देगा सूर्यग्रहण

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि साल का दूसरा सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका के क्षेत्रों को छोड़कर उत्तरी अमेरिका, कनाडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, अर्जेटीना, कोलंबिया, क्यूबा, बारबाडोस, पेरु, उरुग्वे, एंटीगुआ, वेनेजुएला, जमैका, हैती, पराग्वे, ब्राजील, डोमिनिका, बहामास, आदि जगहों पर दिखाई देगा.

प्राकृतिक आपदाओं की आशंका

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ग्रहण की वजह से प्राकृतिक आपदाओं का समय से ज्यादा प्रकोप देखने को मिलेगा. इसमें भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटनाएं, किसी बड़े गुनाहगार का देश में वापस आने का संकेत मिल रहे हैं. प्राकृतिक आपदा में जनहानि कम ही होने की संभावना है. फिल्म एवं राजनीति से दुखद समाचार. व्यापार में तेजी आएगी. बीमारियों में कमी आएगी. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

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