Chandra Grahan 2023 Time In India: साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई, (Lunar Eclipse 2022 may 5) दिन शुक्रवार को बुद्ध पूर्णिमा (buddha purnima 2023) के दिन लगाा है. इस साल दो चंद्र ग्रहण लगेंगे. 5 मई को पहला चंद्रग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण (penumbral lunar eclipse 2023) है जो अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में दिखेगा. चंद्र ग्रहण 5 मई को 8:23 बजे शुरू हुआ है, कितने बजे समाप्त होगा, (chandra grahan start and end time) परमग्रास चंद्रग्रहण काल कितने बजे है? भारत में चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse In India) दिखेगा या नहीं, भारत में (Chandra Grahan 2022 Time In India) सूतक काल कितने बजे से है? (chandra grahan 2023 sutak time in india) सूतक मान्य है या नहीं पूरी डिटेल जानने के लिए आगे पढ़ें.
पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार
चंद्र ग्रहण शुरू: रात्रि 8:45 बजे जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण समाप्त: यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर.
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर.
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे.
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
यह भारत में दिखाई नहीं देगा.
चंद्र ग्रहण वास्तव में कब दिखाई देगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कहां स्थित हैं लेकिन समय और दिनांक की बात करें तो साल का पहला उपच्छाया ग्रहण 5 मई को सुबह 10:11 बजे ईएसटी (1511 जीएमटी) शुरू होगा और ग्रहण दोपहर 12:22 बजे चरम पर होगा. ईएसटी (1722 जीएमटी) और दोपहर 14:31 बजे समाप्त होगा. ईएसटी (1931 जीएमटी). ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 18 मिनट है.
चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल चंद्र ग्रहण शुरू होने के 9 घंटे पहले आरंभ होता है, जबकि सूर्य ग्रहण के दौरान 12 घंटे पहले होता है. साल का पहला चंद्र ग्रहण आंशिक रूप से भारत से दिखाई देगा इसलिए कई जगह इसका सूतक भी माना जाएगा. चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से ठीक 9 घंटे पहले लग जाएगा. यानि चंद्र ग्रहण 2023 का सूतक 5 मई की सुबह करीब 11 बजकर 45 मिनट से लगेगा. सूतक काल केे नियम की बात करें तो मान्यता है कि सूतक काल में घर पर रहना उचित होता है. सूतक काल में खाना नहीं बनाना चाहिए. पूजा-पाठ नहीं करने चाहिए. पूजा स्थल, भगवान की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए. ग्रहण के बाद स्नान कर पूजा करनी चाहिए. सूत काल से पहले पके हुए भोजन और पानी में तुलसी डालकर रखना चाहिए तभी उनका उपयोग करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से नियमों का पालन करना चाहिए। इस दौरान सभी तरह के शुभ कार्य वर्जित होते हैं.
चंद्र ग्रहण के दौरान कौन से काम नहीं करने चाहिए (Chandra Grahan Dos And Don’ts)
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चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान की मूर्ति को स्पर्श न करें.
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पूजा-पाठ न करें.
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चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन करने से बचें. (बच्चे, बीमार, और बुजुगों के लिए यह मान्य नहीं)
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इस दौरान सोने से बचें, जितना हो सके मन में अपने ईष्ट का नाम जपें.
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गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान घर से बाहर न निकलें.
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गर्भवती महिलाएं चाकू, छुरी, कैंची जैसी नुकीली चीजों का प्रयोग न करें.
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TimeandDate.com के अनुसार चंद्र ग्रहण के कम से कम कुछ हिस्से भारत, दक्षिण/पूर्वी यूरोप, एशिया के अधिकांश हिस्से, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर और अंटार्कटिका में दिखाई देंगे.
जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तब चंद्र ग्रहण लगता है. वैज्ञानिक रूप से इसे अदभुत खगोलीय घटना माना जाता है और वैज्ञानिकों को ऐसी घंटनाओं का बेसब्री से इंतजार रहता है.
घटना के समय सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा कैसे संरेखित होते हैं, इसके आधार पर तीन प्रकार के चंद्र ग्रहण होते हैं.
पूर्ण चंद्रग्रहण: पृथ्वी की छाया संपूर्ण चंद्र सतह पर पड़ती है.
आंशिक चंद्र ग्रहण: आंशिक चंद्र ग्रहण के दौरान, चंद्रमा का केवल एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में प्रवेश करता है, जो ऐसा लग सकता है कि यह चंद्र सतह से “काट” रहा है. पृथ्वी की छाया चंद्रमा के उस भाग पर काली दिखाई देगी जो पृथ्वी के सामने होगा.
पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण: पृथ्वी की छाया का हल्का बाहरी भाग चंद्र सतह पर पड़ता है. इस प्रकार का ग्रहण अन्य दो की तरह का नहीं होता है और इसे देखना मुश्किल हो सकता है.
साल 2023 का अंतिम और दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 रविवार के दिन रात 01:06 पर शुरू होगा. दूसरा चंद्र ग्रहण खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा. यह ग्रहण रात्रि 02:22 पर बजे समाप्त होगा. दूसरे चंद्र ग्रहण का समय 28 तारीख की रात्रि यानी 01:06 एएम से 02:22 एएम तक होगी.