Chandra Grahan 2022: कार्तिक पूर्णिमा 2022 के दिन ही 8 नवंबर को इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगने जा रहे चंद्र ग्रहण के कारण देव दिवाली 7 नवंबर 2022 को मनाई जा रही है. बता दें कि इस ग्रहण के कारण इस बार हर वर्ष की तरह कार्तिक पूर्णिमा के दिन नहीं बल्कि एक दिन पहले ही देव दिवाली जा रही है. जानें सूतक काल, चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं.
8 नवंबर को लगने जा रहे चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले से शुरू हो जाएगा. यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा शाम 6.20 बजे तक रहेगा. देश के कई हिस्सों में चंद्र ग्रहण आंशिक और कई हिस्सों में पूर्ण दिखाई देगा.
8 नवंबर को चंद्र ग्रहण का सूतक सुबह करीब 8 बजकर 20 मिनट से शुरू हो जाएगा और शाम 6 बजकर 20 मिनट तक चंद्र ग्रहण की समाप्ति तक रहेगा. चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगने जा रही है. भारत के विभिन्न शहरों में चंद्र ग्रहण शाम 5.30 बजे के करीब दिखाई देगा. अलग-अगल हिस्सों में ग्रहण दिखाई देने का समय भी अलग है.
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कोलकाता में, चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से लगभग 4:52 बजे उदय होना शुरू हो जाएगा और 4:54 घंटे तक पूरी तरह से दिखाई देगा.
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देश के पूर्वी हिस्से में कोहिमा, अगरतला, गुवाहाटी जैसे शहर अपनी स्थिति के कारण कोलकाता से पहले पूर्ण ग्रहण देखेंगे. केवल कोहिमा में, अपने अधिकतम चरण में ग्रहण लगभग 4:29 बजे देखा जा सकता है, जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया के सबसे अंधेरे हिस्से को पार कर जाएगा.
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नई दिल्ली में चंद्रोदय से लगभग 5:31 बजे आंशिक ग्रहण का अनुभव होगा, जिसमें चंद्रमा का 66 प्रतिशत अस्पष्टता होगा क्योंकि ग्रहण का कुल चरण 5:11 बजे तक समाप्त हो जायेगा.
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बेंगलुरु में, चंद्रमा पूरी तरह से 5:57 बजे उदय होगा, जिसमें 23 प्रतिशत डिस्क पृथ्वी की छाया से ढकी होगी, जबकि मुंबई इसे लगभग 6:03 बजे केवल 14 प्रतिशत अस्पष्टता के साथ दिखेगा.
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नागपुर में, चंद्रमा लगभग 5:32 घंटे में 60 प्रतिशत डिस्क के साथ लगभग 5:34 घंटे में उदय होगा, जब पूर्ण चंद्रमा क्षितिज से ऊपर होगा ताकि ग्रहण को प्रभावी ढंग से देखा जा सके, जबकि श्रीनगर में, ग्रहण किया हुआ चंद्रमा लगभग 66 प्रतिशत की अस्पष्टता के साथ 5:31 बजे क्षितिज से ऊपर उठेगा.
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ज्योषित के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा न करें.
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ग्रहण के समय मंदिर के कपाट को बंद रखें.
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घर में रखे हुए खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते या कुश डाल दें.
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खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देने से भोजन पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है.
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ग्रहण के समय भोजन न करें. (बच्चे, बीामर, बुजुर्गों के लिए लागू नहीं)
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गर्भवती महिलाएं ग्रहण के दौरान बाहर न निकलें.
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ग्रहण के सोने से परहेज करें.
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भगावान का नाम जपें.
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ग्रहण समाप्ति के बाद पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें
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पूरे घर में गंगा जल का छिड़कें.
जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है, तो सूर्य की रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती इस घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं. वैदिक ज्योतिष में चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है.