Loading election data...

Chaturthi puja: दो पर्व, एक दिन, बहुला चौथ और गणेश चौथ पर्व का जानिए क्या है महत्व

Chaturthi puja: इस आर्टिकल में बहुला चौथ के महत्व, पूजा विधि और पौराणिक कथा के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें

By Rinki Singh | August 22, 2024 3:36 PM

Chaturthi puja: भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को न केवल बहुला चौथ के रूप में, बल्कि गणेश चौथ के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन की विशेषता यह है कि जहां एक ओर महिलाएं अपनी संतान की सुरक्षा और समृद्धि के लिए गाय की पूजा करती हैं, वहीं दूसरी ओर भगवान गणेश की भी विशेष पूजा की जाती है, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि, समृद्धि के देवता माना जाता है. इन दोनों पर्वों का एक ही दिन होना, इसे और भी खास बना देता है.

बहुला चौथ बच्चों की सुरक्षा और समृद्धि का पर्व

बहुला चौथ, जिसे “गायों की चौथ” भी कहा जाता है, विशेष रूप से बच्चों की सुरक्षा और उनकी समृद्धि के लिए मनाया जाता है महिलाएं इस दिन गाय की पूजा करती हैं और संतान की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं. गाय की पूजा करने से संतान की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं.

Also Read: Natural Beauty Tips: कम मेकअप में भी कैसे दिखें स्टाइलिश और ग्लैमरस

Also Read: Beauty Tips: घर पर ही पाएं गुलाब की तरह खिले हुए खूबसूरत होंठ, जानें क्या है तरीका

पौराणिक कथा, श्रीकृष्ण और बहुला गाय की कहानी

एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने शेर का रूप धारण कर बहुला नामक गाय की भक्ति की परीक्षा ली. बहुला ने पहले अपने बछड़े को दूध पिलाने की अनुमति मांगी और फिर शेर के पास लौट आई. श्रीकृष्ण ने उसकी सत्यनिष्ठा से प्रसन्न होकर उसे आशीर्वाद दिया कि जो भी इस दिन उसकी पूजा करेगा, उसकी संतान हमेशा सुखी और सुरक्षित रहेगी.

गणेश चौथ का महत्व, विघ्नहर्ता की पूजा

गणेश चौथ का भी इस दिन बहुत महत्व है. भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि, समृद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है, उनकी विशेष पूजा-अर्चना इस दिन की जाती है. गणेश चौथ पर व्रत रखने और गणेश जी की पूजा करने से जीवन के सभी विघ्न दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.

बहुला चौथ और गणेश चौथ पूजा विधि

इस दिन महिलाएं स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करती हैं और शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश और गाय की मिट्टी से बनी मूर्तियों की पूजा करती हैं. पूजा में दूध, धूप, दीप, नैवेद्य और फूल अर्पित किए जाते हैं. गणेश चौथ के अवसर पर, गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है, जिसमें उनकी प्रतिमा पर दूर्वा, लड्डू, और मोदक चढ़ाए जाते हैं.

2024 का बहुला और गणेश चौथ का तिथि और मुहूर्त

2024 में बहुला और गणेश चौथ 22 अगस्त को शुरू होकर 23 अगस्त को समाप्त होगी। इस दिन की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:40 से 7:05 बजे तक रहेगा, और चंद्रोदय रात 8:51 बजे होगा.

बहुला चौथ और गणेश चौथ कैसे मनाए जाते हैं और इनका महत्व क्या है?

बहुला चौथ संतान की सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है, जिसमें महिलाएं गायों की पूजा करती हैं और मिट्टी की मूर्तियों की आराधना करती हैं. गणेश चौथ भी इसी दिन मनाया जाता है, जिसमें भगवान गणेश की पूजा की जाती है. दोनों त्योहारों की पूजा शाम के समय की जाती है और गायों को विशेष भोजन कराया जाता है.

Next Article

Exit mobile version