मूड स्विंग की समस्या सिर्फ महिलाओं या टीनएजर्स के साथ ही नहीं, बल्कि बच्चों में भी हो सकती है, पर हममें ज्यादातर लोग बच्चों के खराब मूड को नजरअंदाज कर देते हैं. जबकि, ऐसा करने से आपके बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. बतौर पेरेंट्स हमारा यह फर्ज बनता है कि हम अपने बच्चे के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें. जब बच्चे का मूड खराब होता है, तो वह कई संकेतों से आपको इसके बारे में बताने की कोशिश करता है, पर हम सभी इसे नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसे में बच्चे के मूड को पहचाने में ये संकेत कारगर साबित हो सकते हैं.
थका हुआ महसूस करना :
जब आपके बच्चे का मूड ठीक नहीं होता है, तो वह काफी थकान महसूस करता है और लोगों से दूरी बनाने लगता है. बच्चे को खेल से रुचि कम हो जाती है. खेलता भी है, तो काफी जल्दी थक जाता है. इस स्थिति में बच्चे के खानपान पर ध्यान दें और उन चीजों से दूर रखें, जो उसे हतोत्साहित करती हैं.
चिड़चिड़ा होना :
जब बच्चा बात-बात पर उखड़ जाता है, फिजूल की जिद करता है और बात मनवाने के लिए हर तरह की तरकीबे अपनाता है, तो सर्तक हो जाएं और धैर्यपूर्वक बच्चे को हैंडल करें.
हमेशा उदास रहना
अगर बच्चा काफी उदासीन रहने लगता है. वह दूसरों से बातचीत बंद कर देता है. यहां तक कि वह अपने दोस्तों, भाई-बहनों और माता-पिता से भी अपने मन की बात साझा नहीं करता, तो ऐसे में अाप अपने बच्चे से बातचीत करें और उसके मूड को बेहतर करने का प्रयास करें.
मोटिवेशन का अभाव :
कुछ समय पहले तक जहां बच्चे को खेलना-कूदना अच्छा लगता था, अचानक उसे कोई भी चीज करना अच्छा नहीं लगता है. ऐसा हार्मोनल बदलाव की वजह से होता है. इसकी अनदेखी ना करें. उसके साथ आप भी उसकी पसंदीदा हॉबी या एक्टिविटी में हिस्सा लें. धीरे-धीरे उसका मूड में बेहतर होने लगेगा.
काफी गुस्सा आना :
बच्चे के मूड में परिवर्तन होता है, तो चिड़चिड़ापन और उसका गुस्सैल होना स्वाभाविक है, लेकिन अभिभावक को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. कई बार बच्चों का गुस्सा इतना तक बढ़ सकता है कि वे चीजों के साथ तोड़-फोड़ करना शुरू कर देते हैं. ऐसी स्थिति में बच्चे को डांटने-फटकारने से स्थिति और बिगड़ सकती है. ऐसे में प्रयास करें कि आप बच्चे के साथ प्यार से पेश आएं.