Health Tips: गर्मियों में बच्चे इन पांच संक्रमण के होते हैं अधिक शिकार, अभिभावक हो जाएं सतर्क

गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है. देश के कई हिस्से अप्रैल माह के शुरुआती सप्ताह से ही भीषण गर्मी और लू की चपेट में हैं. इससे बच्चों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है.

By Devendra Kumar | April 10, 2024 6:50 PM

Health Tips: गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है. देश के कई हिस्से अप्रैल माह के शुरुआती सप्ताह से ही भीषण गर्मी और लू की चपेट में हैं. जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है, वैसे-वैसे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. खासकर, छोटे बच्चों को इस मौसम में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. इसलिए माता-पिता को इस समय बच्चों की सेहत को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि, अधिक गर्मी पड़ने से छोटे बच्चों में हीट स्ट्रोक, थकावट, बुखार, सर्दी की समस्या आम हो जाती है. यही वजह है कि गर्मी के मौसम में स्कूल या कॉलेज दो-तीन महीनों के लिए बंद रहते हैं. यहां जानिए गर्मियों में बच्चों को होने वाले पांच आम संक्रमणों के बारे में.

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन

गर्मियों के मौसम में दूषित भोजन और पानी का सेवन करने से बच्चों में फूड प्वॉइजनिंग और वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन आम बात हैं. खासकर, बच्चों में ये संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है, क्योंकि वे गंदे हाथों से कुछ भी खा लेते हैं. ऐसे में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन से बचने के लिए बच्चों को बार-बार हाथ धोने को कहें और गंदी चीजों से दूर रखें. साथ ही इस बात का भी ख्याल रखें कि आप स्वच्छ पानी का सेवन कर रहे हैं. इसके अलावा बच्चों को स्वच्छता संबंधी आदतों को दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रेरित करें.

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कीड़े का काटना और डंक मारना

विशेषज्ञों की मानें, तो गर्मियों के मौसम में मच्छर, चींटियां और मधुमक्खियां जैसे कीड़े अधिक सक्रिय हो जाते हैं, जिससे बच्चों को कीड़े के काटने और डंक लगने की संभावना बढ़ जाती है. इन कीड़ों के काटने से खुजली, सूजन, दर्द और एलर्जी हो सकती है. ऐसे में बच्चों की सुरक्षा के लिए उनके लिए बने कीट निरोधकों का उपयोग करें. बाहर जाने पर उन्हें फुल बाजू वाले शर्ट और पैंट पहनाएं. साथ ही ऐसी जगहों पर जाने से मना करें, जहां अक्सर पानी जमा होता है. क्योंकि, इन जगहों पर कीड़े अधिक पनपते हैं.

फंगल इंफेक्शन

आमतौर पर गर्मियों के मौसम में काफी अधिक आर्द्रता होती है. साथ ही शरीर से काफी मात्रा में पसीना निकलता है. इसकी वजह से फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. अंडरआर्म्स, शरीर की तहें और कमर का क्षेत्र कुछ सामान्य क्षेत्र हैं जहां फंगल इंफेक्शन होने की संभावना अधिक होती है. ऐसे संक्रमणों से बचने के लिए स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिए. साथ ही साफ-सुथरे कपड़े पहना बहुत जरूरी है.

हीट रैशेज

गर्मियों में हीट रैशेज आम बात है. इसे घमौरियों के रूप में भी जाना जाता है. हीट रैश स्किन से जुड़ी एक सामान्य स्थिति है. यह समस्या तब होती है, जब हमारी पसीने की नलिकाएं बंद हो जाती हैं, जिससे स्किन पर लाल, खुजलीदार दाने निकल आते हैं. बच्चों में पसीने की ग्रंथियां अविकसित होने के कारण उन्हें घमौरियां होने का खतरा अधिक होता है. इसे रोकने के लिए माता-पिता को बच्चों को ढीले, सांस लेने वाले कपड़े पहनाने चाहिए. उन्हें हवादार वाले जगहों पर रखें. गर्मी के मौसम में दिन में दो से तीन बार नहाने के लिए प्रेरित करें.

सन बर्न

सनबर्न गर्मियों की एक आम बीमारी है, जो सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होती है. दरअसल, बच्चों की त्वचा संवेदनशील होती है, जो आसानी से जल सकती है. सन बर्न से बचाने के लिए हाइ एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाएं. उन्हें ऐसे कपड़े पहनाएं, जो एक्सपोज स्किन को कवर रखें. साथ ही व्यस्त समय के दौरान बाहरी गतिविधियों को सीमित करें. जैसे कि गर्मियों का समय पूरी तरह से छुट्टियों और मौज-मस्ती करने का वक्त होता है. ऐसे में माता-पिता के लिए भी यह उतना ही महत्वपूर्ण है कि वे आम मौसमी बीमारियों के बारे में अधिक जागरूक रहें और अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए सावधानी बरतें.

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