Christmas 2022: एक नहीं बल्कि 12 दिनों तक मनाया जाता है क्रिसमस, जानें क्या है प्रथा
Christmas 2022: क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. इस पर्व को सेलीब्रेट करने की तैयारियां हो रही हैं. क्रिसमस का त्योहार एक दिन नहीं बल्कि पूरे 12 दिनों तक चलता है. इन बारह दिनों का अपना एक खास महत्व है. हर दिन के पीछे एक मान्यता है.
Christmas 2022: दो सालों से कोरोना का प्रकोप हर त्योहार पर देखने को मिला है, ईसाइयों का त्योहार क्रिसमस भी इससे अछूता नहीं रहा है. क्रिसमस को दुनिया के बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है. क्रिसमस का पर्व दुनिया के 160 देशों में मनाया जाता है. क्रिसमस के पर्व पर घरों को सजाया जाता है, स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं. इस पर्व को सेलीब्रेट करने की तैयारियां हो रही हैं. क्रिसमस का त्योहार एक दिन नहीं बल्कि पूरे 12 दिनों तक चलता है. इन बारह दिनों का अपना एक खास महत्व है. हर दिन के पीछे एक मान्यता है.
क्रिसमस के 12 दिन
1- पहला दिन यानि 25 दिसबंर, इसे क्रिसमस का पहला दिन कहा जाता है. इस दिन से ही क्रिसमस का जश्न शुरू हो जाता है. पहले दिन को प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं.
2- 26 दिसंबर को बॉक्सिंग डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को सेंट स्टीफन डे के नाम से भी जाना जाता है. सेंट स्टीफन पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने ईसाई धर्म के लिए अपनी कुर्बानी दी थी.
3- 27 दिसंबर यह दिन सेंट जॉन को समर्पित होता है. ये ईसा मसीह से प्रेरित और उनके मित्र माने जाते हैं.
4- 28 दिसंबर इस दिन किंग हीरोद ने ईसा मसीह को ढूंढते समय कई मासूम लोगों का कत्ल कर दिया था. इस दिन उन्हीं मासूम लोगों को याद कर उनके लिए प्राथना की जाती है.
5- 29 दिसंबर का दिन सेंट थॉमस को समर्पित है, 12वीं सदी में चर्च पर राजा के अधिकार को चुनौती देने पर उन्हें 29 दिसंबर को कत्ल कर दिया गया था. इस दिन क्रिश्चियन समुदाय के लोग उन्हें याद करते हैं.
6- 30 दिसंबर को इस दिन क्रिश्चियन समुदाय के लोग सेंट ईगविन ऑफ वर्सेस्टर को याद करते हैं.
7- 31 दिसंबर के बारे में कहा जाता है कि पोप सिलवेस्टर ने इस दिन को मनाया था. कई यूरोपियन देशों में न्यू ईयर इव को सिलवेस्टर कहा जाता है. इस दिन गेम्स आयोजित किए जाते हैं. इस दिन नए साल से पहले की शाम के रूप में भी मनाया जाता है.
8- 1 जनवरी को जो कि क्रिसमस का आंठवां दिन है यह दिन ईसा मसीह की मां मदर मैरी को समर्पित है.
9- 2 जनवरी का दिन चौथी सदी के सबसे पहले ईसाई ‘सेंट बसिल द ग्रेट’ और ‘सेंट ग्रेगरी नाजियाजेन’ को याद किया जाता है.
10- 3 जनवरी को लेकर मान्यता है कि इस दिन ईसा मसीह का नाम रखा गया था. इस दिन चर्च को सजाया जाता है और गीत गाए जाते हैं.
11- 4 जनवरी को 18वीं और 19वीं सदी की सेंट एलिजाबेथ अमेरिका की पहली संत थीं. इस दिन उन्हें याद किया जाता है.
12- 5 जनवरी को क्रिसमस पर्व का आखिरी दिन माना जाता है, इस दिन को एपीफेनी भी कहा जाता है. यह दिन अमेरिका के पहले बिशप सेंट जॉन न्यूमन को समर्पित है.
25 दिसम्बर को ही इसलिए मनाते हैं क्रिसमस पर्व
क्रिसमस जीसस क्रिस्ट के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला उत्सव है. जीसस क्रिस्ट को भगवान का बेटा कहा गया है. क्रिसमस का नाम भी क्रिस्ट से पड़ा. वैसे तो बाइबल में जीसस की कोई बर्थ डेट नहीं दी गई है, लेकिन फिर भी 25 दिसंबर को ही हर साल क्रिसमस मनाया जाता है. जानकारी के अनुसार पूर्व में रोमन के पहले ईसाई रोमन सम्राट के समय में सबसे पहले क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया गया और फिर इसके कुछ सालों बाद पोप जुलियस ने आधिकारिक तौर पर जीसस के जन्म को 25 दिसंबर को ही मनाने का ऐलान कर दिया.