5 Unknown Facts About Christmas: क्रिसमस से जुड़ी ये 5 बातें जो हर किसी को नहीं होती हैं मालूम
5 Unknown Facts About Christmas: क्या आप जानते हैं कि क्रिसमस का इतिहास और सांता क्लॉज की परंपरा किससे जुड़ी है? जानें क्रिसमस से जुड़ी पांच अनोखी बातें जो हर किसी को नहीं पता होतीं.
5 Unknown Facts About Christmas: क्रिसमस का इतिहास और महत्व- हर साल 25 दिसंबर को दुनियाभर में क्रिसमस बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पर्व पहली बार कब और क्यों मनाया गया था? क्रिसमस का इतिहास ईसा मसीह के जन्म से जुड़ा है. ईसाई धर्म के अनुसार, 25 दिसंबर को यीशु मसीह का जन्म हुआ था. यह दिन प्रेम, दया और भाईचारे का संदेश देने के लिए मनाया जाता है. आइए जानते हैं क्रिसमस से जुड़ी कुछ ऐसी अनोखी बातें जो शायद आपको न पता हों.
1. पहली बार क्रिसमस कब और क्यों मनाया गया?
क्रिसमस का त्योहार पहली बार चौथी शताब्दी में रोम में मनाया गया था. इसे यीशु मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया गया. हालाँकि, बाइबिल में यीशु के जन्म की तारीख स्पष्ट नहीं है, लेकिन 25 दिसंबर को उनका जन्मदिवस माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन को इसलिए चुना गया ताकि इसे रोमन साम्राज्य के “सोल इन्विक्टस” त्योहार के साथ जोड़ा जा सके.
2. सांता क्लॉज कौन हैं?
सांता क्लॉज का असली नाम सेंट निकोलस था, जो चौथी शताब्दी में तुर्की में रहते थे. वे बच्चों और गरीबों की मदद करने के लिए जाने जाते थे. उनकी दयालुता की वजह से उन्हें बच्चों का संरक्षक माना गया. आधुनिक सांता क्लॉज की छवि लाल कपड़ों, सफेद दाढ़ी और तोहफे लेकर आने वाले व्यक्ति के रूप में उभरकर आई.
3. मदर मैरी कौन थीं?
मदर मैरी यीशु मसीह की मां थीं. वे ईसाई धर्म में पवित्रता और करुणा की प्रतीक मानी जाती हैं. ऐसा माना जाता है कि भगवान ने स्वर्गदूत गेब्रियल के माध्यम से उन्हें यह संदेश दिया था कि वे यीशु को जन्म देंगी. ईसाई धर्म में मदर मैरी को बेहद आदर और सम्मान के साथ पूजा जाता है.
4. यीशु मसीह कौन थे?
यीशु मसीह ईसाई धर्म के प्रवर्तक और मानवता के लिए ईश्वर के बेटे माने जाते हैं. उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से प्रेम, क्षमा और ईश्वर में विश्वास का संदेश दिया. उन्हें क्रूस पर चढ़ाया गया और उनके बलिदान को मानव जाति के लिए एक नई शुरुआत माना जाता है.
5. क्रिसमस ट्री की परंपरा कहां से शुरू हुई?
क्रिसमस ट्री की परंपरा जर्मनी से शुरू हुई. 16वीं शताब्दी में, लोग अपने घरों में देवदार के पेड़ सजाकर रखते थे. ऐसा माना जाता था कि ये पेड़ बुरी आत्माओं को दूर रखते हैं. धीरे-धीरे यह परंपरा पूरे यूरोप और फिर दुनिया में फैल गई.
क्रिसमस न केवल एक त्योहार है, बल्कि यह प्रेम और सेवा का प्रतीक है. यीशु मसीह, मदर मैरी और सांता क्लॉज की कहानियां इस पर्व को और भी खास बनाती हैं. इतिहास और परंपराओं को जानकर हम इस पर्व को और गहराई से समझ सकते हैं. इस क्रिसमस, इन बातों को अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें और इस खास दिन को और भी यादगार बनाएं.
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