Christmas Story For Kids- My sheep hear my voice: बच्चों को सुनाएं यीशु मसीह की यह खास कहानी: “मेरी भेड़ें मेरी आवाज सुनती हैं”
Christmas Story For Kids- My sheep hear my voice: मेरी भेड़ें मेरी आवाज़ सुनती हैं" की कहानी बच्चों को यीशु मसीह के जीवन से जुड़ी शिक्षा देती है. इस क्रिसमस उन्हें सुनाएं यह प्रेरक कहानी. Christmas Story For Kids- My sheep hear my voice: मेरी भेड़ें मेरी आवाज़ सुनती हैं" की कहानी बच्चों को यीशु मसीह के जीवन से जुड़ी शिक्षा देती है.इस क्रिसमस उन्हें सुनाएं यह प्रेरक कहानी
Christmas Story For Kids- My sheep hear my voice: करुणा की कहानियां सुनाने का भी अवसर है. “मेरी भेड़ें मेरी आवाज़ सुनती हैं” बाइबिल से ली गई एक ऐसी कहानी है, जो बच्चों को विश्वास, अनुशासन और सच्चाई का पाठ पढ़ाती है. इस कहानी में यीशु मसीह ने अपने अनुयायियों को भेड़ों और चरवाहे की उपमा देकर एक गहरा संदेश दिया. आइए जानें इस प्रेरणादायक कहानी के माध्यम से बच्चों को क्या सिखाया जा सकता है.
“मेरी भेड़ें मेरी आवाज सुनती हैं”- My sheep hear my voice
एक समय की बात है, यीशु मसीह अपने अनुयायियों को उपदेश दे रहे थे. उन्होंने कहा, “मैं अच्छा चरवाहा हूं. मेरी भेड़ें मेरी आवाज़ सुनती हैं, मैं उन्हें जानता हूं और वे मेरा अनुसरण करती हैं. ” यह सुनकर लोगों ने उनसे पूछा, “भेड़ों और चरवाहे का क्या अर्थ है?”
यीशु ने समझाया, “भेड़ें वे हैं जो सच्चे मन से मुझ पर विश्वास करती हैं. वे मेरी आवाज़ को पहचानती हैं और मेरे बताए मार्ग पर चलती हैं. एक अच्छा चरवाहा अपनी भेड़ों की रक्षा करता है, उन्हें सही रास्ता दिखाता है और उनकी देखभाल करता है. अगर कोई भेड़ खो जाए, तो वह अपनी बाकी भेड़ों को छोड़कर खोई हुई भेड़ को ढूंढने निकलता है. “
बच्चों के लिए कहानी का संदेश
- विश्वास का महत्व:
इस कहानी से बच्चे सीख सकते हैं कि हमें अपने माता-पिता और शिक्षकों पर विश्वास करना चाहिए, क्योंकि वे हमेशा हमारा भला चाहते हैं. - अनुशासन और आज्ञा का पालन:
जैसे भेड़ें अपने चरवाहे की आवाज़ सुनती हैं और उसका अनुसरण करती हैं, वैसे ही बच्चों को भी अपने बड़े-बुजुर्गों की बात माननी चाहिए. - हर व्यक्ति की अहमियत:
कहानी यह सिखाती है कि हर व्यक्ति महत्वपूर्ण है. अगर हम किसी दोस्त को परेशानी में देखें, तो हमें उसकी मदद करनी चाहिए.
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क्रिसमस और कहानी का संबंध
क्रिसमस का त्योहार यीशु मसीह के जन्म का उत्सव है. इस दौरान बच्चे यीशु के जीवन और उनके उपदेशों को समझ सकते हैं. “मेरी भेड़ें मेरी आवाज़ सुनती हैं” की कहानी उन्हें यीशु के प्रेम और करुणा को समझने में मदद करती है. यह कहानी बताती है कि क्रिसमस केवल उपहारों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह दूसरों की मदद करने और दया दिखाने का समय भी है.
बच्चों को कहानी सुनाने का तरीका
- प्रेरक शैली में सुनाएं:
बच्चों को कहानी रोचक अंदाज में सुनाएं ताकि वे इससे जुड़ाव महसूस करें. - प्रश्न पूछें:
कहानी के अंत में बच्चों से पूछें, “अगर आप चरवाहे होते तो क्या करते?” ताकि वे कहानी से सीखे सबक को साझा कर सकें. - क्राफ्ट और एक्टिविटी जोड़ें:
भेड़ों और चरवाहे से जुड़ी कोई छोटी एक्टिविटी कराएं ताकि कहानी को और मजेदार बनाया जा सके.
“मेरी भेड़ें मेरी आवाज सुनती हैं” की कहानी बच्चों को क्रिसमस के सच्चे अर्थ से अवगत कराती है. यह उन्हें सिखाती है कि विश्वास, अनुशासन और करुणा का हमारे जीवन में क्या महत्व है. इस क्रिसमस, बच्चों को यीशु मसीह की यह सुंदर कहानी सुनाकर उनके दिल में प्रेम और दया का बीज बोएं.
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