Christmas Tree 2023 : रंग बिरंगी रोशनी और खिलौने से सजे क्रिसमस ट्री का है रोचक इतिहास, जानें क्या है महत्व

Christmas Tree: हर साल 25 दिसंबर को पूरे विश्व में प्रभु ईसा मसीह के जन्म दिन पर क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है.ऐसे में 'क्रिसमस ट्री' को खूब बेहतर तरीके से सजाया जाता है. यह आम तौर पर स्प्रूस, पाइन या इसी तरह के दिखने वाले कृत्रिम पेड़ जैसे सदाबहार शंकुवृक्ष होता है. इसका अपना खास महत्व है.

By Meenakshi Rai | November 24, 2023 7:32 PM
undefined
Christmas tree 2023 : रंग बिरंगी रोशनी और खिलौने से सजे क्रिसमस ट्री का है रोचक इतिहास, जानें क्या है महत्व 12

क्रिसमस ट्री को आप इंडोर और आउटडोर डेकोरेशन के लिए यूज कर सकते हैं. समय के साथ इसे सजाने के तरीके में काफी बदलाव आए हैं लेकिन परंपरा के अनुसार लोग क्रिसमस ट्री को अपने-अपने तरीके से सजाते हैं.

Christmas tree 2023 : रंग बिरंगी रोशनी और खिलौने से सजे क्रिसमस ट्री का है रोचक इतिहास, जानें क्या है महत्व 13

क्रिसमस पर कुछ लोग बहुत सारी लाइटें, लिटिल स्टार, हैंगिंग बॉल, फूल, टॉफी , छोटे-छोटे गिफ्ट और कई अन्य चीजें डालकर इसे कलरफुल बनाते हैं. कई लोगों को तो यह इतना पसंद होता है कि वे बाजार से तरह-तरह के क्रिसमस प्लांट्स लाकर घरों को सजाते हैं.

Christmas tree 2023 : रंग बिरंगी रोशनी और खिलौने से सजे क्रिसमस ट्री का है रोचक इतिहास, जानें क्या है महत्व 14

सबसे पहले सजाया गया क्रिसमस ट्री 1510 में रीगा, लातविया में प्रदर्शित किया गया था. यीशु मसीह के जन्म से पहले भी सदाबहार पेड़ों का इस्तेमाल सर्दियों के मौसम को मनाने के लिए किया जाता था. वास्तव में, पगानों ने आगामी वसंत के बारे में सोचते हुए शीतकालीन संक्रांति के दौरान अपने घरों को सुशोभित करने के लिए सदाबहार पेड़ों की शाखाओं का उपयोग किया.

Christmas tree 2023 : रंग बिरंगी रोशनी और खिलौने से सजे क्रिसमस ट्री का है रोचक इतिहास, जानें क्या है महत्व 15

कृत्रिम क्रिसमस ट्री सबसे पहले 19वीं शताब्दी में जर्मनी में बनाया गया था. ये पेड़ हंस के पंखों से भी तैयार किए गए थे जो हरे रंग में रंगे हुए थे और तार की शाखाओं से जुड़े थे, जो तब एक छड़ के चारों ओर ढके हुए थे जो ट्रंक के रूप में काम करते थे.

Christmas tree 2023 : रंग बिरंगी रोशनी और खिलौने से सजे क्रिसमस ट्री का है रोचक इतिहास, जानें क्या है महत्व 16

पेड़ों को खाद्य सजावट के साथ सजाया जाता था. जर्मनी में पहले क्रिसमस ट्री को वेफर्स, सेब, जिंजरब्रेड और मिठाइयों से सजाया गया था.

Christmas tree 2023 : रंग बिरंगी रोशनी और खिलौने से सजे क्रिसमस ट्री का है रोचक इतिहास, जानें क्या है महत्व 17

मूल क्रिसमस पेड़ हमेशा देवदार के पेड़ नहीं होते हैं. अलग-अलग देश इस त्योहार के लिए अलग-अलग तरह के पेड़ों का इस्तेमाल करते हैं. उदाहरण के लिए, न्यूजीलैंड में – लाल फूलों वाले ‘पोहुताकावा’ वृक्ष का उपयोग किया जाता है.

Christmas tree 2023 : रंग बिरंगी रोशनी और खिलौने से सजे क्रिसमस ट्री का है रोचक इतिहास, जानें क्या है महत्व 18

आधुनिक और ट्रेंडी कृत्रिम क्रिसमस पेड़ पीवीसी प्लास्टिक से बने होते हैं और उनमें से लगभग 80% चीन में बने हैं.

Christmas tree 2023 : रंग बिरंगी रोशनी और खिलौने से सजे क्रिसमस ट्री का है रोचक इतिहास, जानें क्या है महत्व 19

अमेरिका में हर साल लगभग 25 – 30 मिलियन असली क्रिसमस ट्री बेचे जाते हैं और उनमें से ज्यादातर क्रिसमस ट्री फार्म से आते हैं.

Christmas tree 2023 : रंग बिरंगी रोशनी और खिलौने से सजे क्रिसमस ट्री का है रोचक इतिहास, जानें क्या है महत्व 20

क्रिसमस ट्री को काफी प्यासा कहा जाता है इसलिए भले ही आप उन्हें काटकर अपने लिविंग रूम में रख दें, क्रिसमस ट्री को कटे हुए फूल के रूप में माना जाना चाहिए. याद रखें कि यह केवल कट गया है और मरा नहीं है. यह प्रतिदिन एक लीटर पानी पी सकता है इसलिए इसे पानी देते रहें.

Christmas tree 2023 : रंग बिरंगी रोशनी और खिलौने से सजे क्रिसमस ट्री का है रोचक इतिहास, जानें क्या है महत्व 21

क्रिसमस ट्री हवा से धूल के साथ-साथ परागकणों को भी हटाने में मदद करता है. क्रिसमस के पेड़ उगाना वन्यजीवों के लिए एक आवास प्रदान करता है.

Christmas tree 2023 : रंग बिरंगी रोशनी और खिलौने से सजे क्रिसमस ट्री का है रोचक इतिहास, जानें क्या है महत्व 22

मान्यता यह है कि घर में क्रिसमस ट्री रहने से परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम रहता है. घर में तनाव नहीं होता.इसे सजाने से बच्चों की उम्र बढ़ती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार क्रिसमस ट्री घर की नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है.

Also Read: Christmas 2023 Decorations: क्रिसमस की रौनक हैं घंटियां, जुराबें और स‍ितारे, जानें इससे जुड़ी खास बातें

Next Article

Exit mobile version