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health Tips: आपकी ये गलत आदतें हाइपरटेंशन को दे सकती हैं बढ़ावा, समय रहते हो जाएं सतर्क

हाइपरटेंशन जीवनशैली से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है. लंबे समय तक तनावग्रस्त रहने, अनहेल्दी खाना खाने, धूम्रपान व शराब के सेवन आदि आदतों के कारण यह समस्या होती है. जानिए इस समस्या को बढ़ावा देने वाली अन्य आदतों के बारे में.

health Tips: बदलते समय के साथ-साथ आज हर कोई जीवनशैली से जुड़ी किसी न किसी बीमारी से परेशान है. ऐसी ही एक बीमारी है हाइपरटेंशन, जिसे आमतौर पर हाइ ब्लड प्रेशर के नाम से भी जाना जाता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें, तो हाइपरटेंशन तब होता है, जब ब्लड वेसेल्स पर बहुत अधिक दबाव होने लगता है. इसमें शुरुआती स्तर पर स्थिति सामान्य रहती है, मगर अगर इसे गंभीरता से न लिया जाये, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है. हाइपरटेंशन के लिए खराब जीवनशैली और हमारी कुछ गलत आदतें जिम्मेवार होती हैं. ऐसे में जानिए उन आदतों के बारे में, जो हाइपरटेंशन को बढ़ावा दे सकती हैं.

अस्वस्थकर खानपान का सेवन

सोडियम, संतृप्त वसा और कोलेस्ट्रॉल से भरपूर आहार का सेवन हाइपरटेंशन को बढ़ा सकता है. प्रोसेस्ड फूड, फास्ट फूड और शुगर युक्त पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन भी समय के साथ हाइपरटेंशन को बढ़ा सकता है. ऐसे में कम सोडियम वाले नमक, रोजमर्रा के खानपान में कम नमक और ताजे पके हुए भोजन का सेवन करें. खाद्य पदार्थों के सही विकल्प के साथ आहार संबंधी आदतों में बदलाव से हाइपरटेंशन को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है.

फिजिकल एक्टिविटी में हिस्सा न लेना

नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेने और आरामदायक जीवनशैली की वजह से वजन और हाइपरटेंशन बढ़ सकता है. नियमित व्यायाम करने से स्वस्थ वजन बनाये रखने में मदद मिलती है और कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम नियंत्रित रहता है.

लंबे समय तक तनावग्रस्त रहना

लंबे समय तक तनावग्रस्त रहने से आपका ब्लड प्रेशर का लेवल बढ़ सकता है. तनावग्रस्त होने पर शरीर कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन रिलीज करता है, जो अस्थायी रूप से ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है. दीर्घकालिक तनाव को कम करने के लिए अगर कोई उपाय नहीं किया जाता है, तो यह हाइपरटेंशन का कारण बन सकता है.यही कारण है कि तनाव-मुक्त रहने के लिए कुछ गतिविधियों जैसे-योग, मेडिटेशन या अपने पसंदीदा गतिविधियों को करने की सलाह दी जाती है.

धूम्रपान और शराब का सेवन

धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर सकता है, जिससे रक्त का स्वतंत्र रूप से प्रवाह करना मुश्किल हो जाता है. धूम्रपान सीधे तौर पर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और विषाक्त पदार्थों को सांस के जरिये अंदर ले जाता है, जिससे कुल मिलाकर हाइपरटेंशन, हृदय रोग और कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ़ सकता है.

नींद की कमी

नींद की खराब आदतें, जैसे बहुत कम सोना या स्लीप एपनिया जैसी नींद संबंधी विकारों की वजह से हाइपरटेंशन की समस्या हो सकती है. दरअसल, नींद के दौरान शरीर स्ट्रेस हार्मोन और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है. इसलिए अपर्याप्त नींद इस प्रक्रिया को बाधित कर सकती है. इसकी वजह से हाइपरटेंशन की परेशानी और बढ़ सकती है.

कैफीन का अधिक सेवन

आमतौर पर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कैफीन का सेवन ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित होता है, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन अस्थायी रूप से ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है. कॉफी, चाय और एनर्जी ड्रिंक्स जैसे स्रोतों से कैफीन के सेवन की निगरानी करना जरूरी है. खासकर उन व्यक्तियों में जिनमें मोटापा, डायबिटीज, आरामदायक जीवनशैली, नींद की गड़बड़ी आदि जैसे कोई न कोई जोखिम कारक है.

चिकित्सा सलाह को नजरअंदाज करना

कुछ गंभीर बीमारियों में डॉक्टरों द्वारा दी गयी दवाएं सही समय पर नहीं लेना या उनकी उपेक्षा करना या डायबिटीज, हाइ कोलेस्ट्रॉल जैसी खास स्वास्थ्य स्थितियों के प्रबंधन के लिए चिकित्सा सलाह की अनदेखी करना या अनियमित तरीके से एंटी-हाइपरटेंसिव दवा लेना हाइपरटेंशन को बढ़ा सकता है. इसलिए हाइपरटेंशन से बचने के लिए डॉक्टरों की सलाह और उनके द्वारा प्रीसक्राइब्ड मेडिसिन का नियमित सेवन करना चाहिए.

आनुवंशिकी और पारिवारिक इतिहास

वैसे हाइपरटेंशन के लिए खराब जीवनशैली काफी जिम्मेवार होता है. लेकिन, इसके साथ-साथ आनुवंशिकी भी ब्लड प्रेशर को प्रभावित करती है. जीवनशैली में बदलाव के महत्व पर जोर देते हुए कहा गया है कि जिन लोगों की फैमिली में हाइपरटेंशन का इतिहास है, वे स्वयं हाइ रिस्क में हैं.

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अत्यधिक मात्रा में नमक का सेवन

अपने खानपान में अत्यधिक मात्रा में नमक का सेवन करने से शरीर के कुछ हिस्सों में पानी जमा(वाटर रिटेंशन) हो सकता है और खून की मात्रा बढ़ सकती है. इसकी वजह से रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ सकता है और रक्तचाप का स्तर बढ़ सकता है. इसलिए अपनी डेली डायट में कम सोडियम वाले आयोडीन युक्त नमक का ही इस्तेमाल करना चाहिए.

रेगुलर हेल्थ चेकअप नहीं करवाना

हाइपरटेंशन के शुरुआती लक्षणों को पता लगाने और उसे समय पर कंट्रोल करने के लिए रेगुलर हेल्थ चेकअप और ब्लड प्रेशर की मॉनिटरिंग कराना बहुत जरूरी है. रेगुलर चेकअप को नजरअंदाज करने से हाइपरटेंशन यानी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. इसलिए आजकल बाजार में मिलने वाले डिजिटल बीपी मशीन से आप घर पर ही आसानी से ब्लड प्रेशर की जांच कर सकते हैं. इससे हाइपरटेंशन के खतरों से बचने में मदद मिल सकती है.

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